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आदिवासी समाज के कुलदेवता बूढादेव महादेव शिव के ही स्वरुप हैं , बालोद जिला में हो रहा धर्मांतरण चिंता का विषय -पंडित प्रदीप मिश्रा


कुई-कुकदुर – बालोद जिला के जुगेरा में हो रहे शिव पुराण कथा में आज संतराम बालक दास जी ने अंतरराष्ट्रीय कथाकार प्रदीप मिश्रा जी का वनवासियों के द्वारा तैयार किए गए मुंजमाला से स्वागत किया आदिवासी परंपरा की इस भेंट को पहनकर पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपने कथा में आज कहा बालोद जिला और संपूर्ण छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज को यह जानना चाहिए कि जिसे वह आदिकाल से बुढादेव के नाम से पूजते आ रहे हैं वह साक्षात महादेव के ही रूप है इसलिए किसी अन्य के बहकावे में आकर आदिवासी समाजअपने देवी देवता राम ,कृष्ण ,दुर्गा ,
गणेश , शिव की पूजा को ना छोड़े यह धर्मांतरण का जहर है जो समाज को निगल लेगा अतः इस पर सावधानी की आवश्यकता है धर्मांतरण एवं आदिवासी भाई बहनों के हित में कहे गए पंडित प्रदीप मिश्रा जी के इस उद्बोधन का संत श्री राम बालक दास जी ने प्रशंसा किया और कल 29 अगस्त के समापन की कथा में गौ रक्षा के विषय पर प्रकाश डालने के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा जी से निवेदन किया।

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