ChhattisgarhKabirdhamखास-खबर

रोजगार गारंटी योजना से घाट कटिंग कर बैगा आदिवासियों ने बनाया सुविधा युक्त रास्ता।

रोजगार गारंटी योजना से घाट कटिंग कर बैगा आदिवासियों ने बनाया सुविधा युक्त रास्ता

बैगा बहुल ग्राम भेलकी में रोजगार की मांग के साथ आवागमन की समस्या का हुआ समाधान

कवर्धा, 16 जून 2021। कहते हैं सड़कों का निर्माण विकास के पहिया को तेजी से आगे बढ़ाता है जो आसपास के क्षेत्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता। विकास की मूलभूत सुविधाओं के लिए सबसे जरूरी शर्त है सतत आवागमन की सुविधा। मैदानी क्षेत्रों में तो या सुविधा आसानी से उपलब्ध होती है लेकिन जब बात होती है जंगल एवं पहाड़ी क्षेत्रों की तो सड़कों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग आवागमन के लिए जंगलों का सहारा लेते हुए पथरीले एवं टेढ़े-मेढ़े गड्ढों के साथ जोखिम से भरे पहाड़ों के बीच से आना-जाना करते हैं, जो उनके लिए बहुत कष्टदाई होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करने वाले बैगा बहुल गांव भेलकी व अधचरा के निवासियों के लिए भी पहाड़ों के बीच से घाट कटिंग कर सड़क बनाने की मांग अत्यंत महत्वपूर्ण थीं जिसे पूरा किया है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने। बात हो रही है जिले के सुदूर वनांचल ग्राम भेलकी और अधचरा की जो कि विकासखंड पंडरिया का वनांचल गांव है, जहां विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी निवासरत है। वैश्विक महामारी कोरोना के लॉकडाउन में घाट कटिंग कार्य के साथ भेलकी और अधचरा के ग्रामीणों को रोजगार का अवसर मिला और साथ में साकार हुआ बरसों पुराना सपना। वित्तीय वर्ष 2020-21 में यहां कार्य 18 लाख 17 हजार रुपए की लागत से स्वीकृत हुआ। इस कार्य में दो गांव के 140 परिवारों को बड़ी मात्रा में रोजगार का अवसर मिला। लॉकडाउन के दौरान जहां सब कुछ बंद था एवं गांव के बाहर काम का कोई साधन नहीं था तो इस विकट परिस्थितियों में ग्रामीणों के लिए रोजगार गारंटी योजना से घाट कटिंग का कार्य सहारा बनकर उभरा और साथ में मिला इन्हें अपनों के घर आने जाने हेतु सुगमयुक्त सड़क बेहतर सुविधा के रूप में जिसमे कोई गड्ढे नहीं होंगे और ना ही वह पथरीला होगा।

महात्मा गांधी नरेगा योजना से हुए कार्य पर एक नजर

18 लाख 17 हजार रूपए से बन रहे इस घाट कटिंग एवं सड़क निर्माण कार्य की लंबाई 2 किलोमीटर है जो ग्राम पंचायत भेलकी में स्वीकृत हुआ है। अप्रैल माह से प्राम्भ हुए इस कार्य मे अब तक औसतन 180 पंजीकृत मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं, जिनमे 5952 का मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है। इस कार्य से ग्रामीणों को 10 लाख 19 हजार रुपये का मजदूरी भुगतान मिला है जो उन्हें सीधे तौर पर आर्थिक संबल देगा। 11 सप्ताह तक चला यह कार्य अब लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है जिसमें गांव के महिला एवं पुरुष ने पहाड़ों को काटकर घाट कटिंग करते हुए अपने लिए सुविधायुक्त रास्ता बना रहे हैं।

लॉकडाउन में मिला रोजगार और आवागमन के समस्या का हुआ समाधान : सीईओ श्री विजय दयाराम के.

घाट कटिंग कार्य के संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि भेलकी के ग्रामीणों की मांग पर अधचरा से भाकुर के बीच में घाट कटिंग करने का काम महात्मा गांधी नरेगा योजना से स्वीकृत किया गया। वर्तमान में यह कार्य प्रगतिरत है जो कि बहुत जल्द पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य को करने में 140 परिवारों को रोजगार का अवसर मिला है तथा घाट कटिंग हो जाने से पहाड़ों के बीच आवागमन की सुविधा बैगा आदिवासियों को प्राप्त होगी जो आसपास के लगभग 400 से अधिक की आबादी को सीधे लाभ पहुंचाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह कार्य ऐसे समय में हुआ है जब ग्रामीणों को लॉकडाउन के दौरान गांव मे रोजगार मिल गया और आवागमन की सुविधा भी जो परेशानी रहित एवं ग्रामीणों को जोखिम से भी बचाएगा।

क्यो जरूरी है यहां कार्य

नीचे अधचरा गांव है जहां 93 परिवार रहते है, अधचरा वाले को मुख्यमार्ग पकड़ने के लिए 2 किलोमीटर पैदल पगडंडी से जाना पडता था, जिसकी चौड़ाई बहुत कम थी जिसमे बहुत गढ्ढे हो गए थे और पथरीले होने के कारण आवागमन बहुत मुश्किल था। मुख्य मार्ग पर स्थित ग्राम भाकूर है, घाट कटिंग होकर सड़क बन जाने से अधचरा एवं भाकुर के ग्रामीणों को आने-जाने में सहोलियत होगी। अब यहां रास्ता लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है जो दो गांव को एक दूसरे से जोड़ देगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page