फागुन जोहार कार्यक्रम में शर्माबाबू की कहानी संग्रह “खेतिहारिन” का हुआ विमोचन



गण्डई-पंडरिया जिला केसीजी
माँ नर्मदा मैया की पावन नगरी नर्मदा खैरा में भोरमदेव साहित्य सृजन मंच के तत्वावधान में 31 मार्च को फागुन जोहार कार्यक्रम का रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें खास पहुना के रूप में कुबेर साहू वरिष्ठ साहित्यकार राजनांदगांव, प्रसिद्ध पंडवानी गायिका तरुणा साहू इंस्पेक्टर मंदिर हसौद,डाँ.पीसीलाल यादव जी वरिष्ठ लोक साहित्यकार गंडई, विरेन्द्र बहादुर सिंह वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार राजनांदगांव एवं महादेव हिरवानी लोक गायक राजनांदगांव की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
फागुन जोहार कार्यक्रम की इस पावन बेला में मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के करकमलों से कटंगी-गंडई निवासी साहित्यकार कमलेश प्रसाद शर्माबाबू की नवप्रकाशित कहानी संग्रह “खेतिहारिन” का विमोचन किया गया साथ ही साथ मुकेश साहू की कविता संग्रह “जरई” का भी विमोचन किया गया। विशिष्ट अतिथि इंस्पेक्टर तरुणा साहू ने अपनी चिर-परिचित अंदाज में पंडवानी की छटा बिखेर कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। महादेव हिरवानी जी ने अपनी गायिकी का जादू बिखेर कर खूब तालियां बटोरी। वहीं डाँ.पीसीलाल यादव जी ने वर्तमान में साहित्य सृजन का गुर सिखाते हुए अपनी प्रसिद्ध कविता पिरकी हा घाव होगे खेत चरिस गोल्लर गाय के नाव होगे सुनाकर सबको भाव-विभोर कर दिया। वरिष्ठ साहित्यकार कुबेर साहू ने साहित्य की बारीक से बारीक बिंदु पर प्रकाश डालते हुए नव कलमकारों का मार्ग प्रशस्त किया।वही वरिष्ठ पत्रकार विरेन्द्र बहादुर सिंह ने अपने संक्षिप्त और सारगर्भित उद्बोधन से सबका ध्यान खींच लिया।कार्यक्रम में खैरा नर्मदा की सरपंच,पंच, सरपंच पति सहित विभिन्न स्थानों से पधारे कलमकारों, साहित्यकारों एवं भोरमदेव साहित्य सृजन मंच के कलम वीरों ने भरपूर शिरकत की।
फागुन जोहार के इस रंगारंग कार्यक्रम में सभी कलमकारों ने अपने-अपने अंदाज में हँसी मजाक से भरपूर कविता सुना-सुनाकर सबको लोट-पोट कर दिया। कार्यक्रम में अध्यक्ष मिनेश कुमार साहू, राजकुमार मसखरे, घनश्याम कुर्रे,रिखीराम ध्रुवे, हेमसिंग साहू, संजू उइके,लक्षू यादव,बोधन राम विनायक, तुलेश्वर सेन, शिवकुमार साहू,पदमा साहू, गायत्री श्रीवास, वर्षा गुप्ता,आनंद मरकाम,ज्ञानु मानिकपुरी, दिलीप पुडेटी,चिंता राम ध्रुवे, धर्मेन्द्र डहरवाल,रमेश चौरिया,पारस जंघेल, कार्तिक मानिकपुरी,सहित विभिन्न क्षेत्रों से आये साहित्यकार शामिल हुए।मंच का खुबसूरती से संचालन कुंज साहू एवं आभार प्रदर्शन रामकुमार साहू जी ने किया।