सर्व आदिवासी समाज साल्हेवारा ने शहीद वीरनारायण सिंह बलिदान दिवस मनाया।


समाज से सीखना जरूरी है -अर्चना पोर्ते

अर्चना पोर्ते ने शहीद वीरनारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया।

सर्व आदिवासी समाज साल्हेवारा ने शहीद वीरनारायण सिंह बलिदान दिवस मनाया।
साल्हेवारा /गंडई:- सर्व आदिवासी समाज द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह बलिदान दिवस आयोजित किया गया । अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य अर्चना पोर्ते के द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह की मूर्ति का अनावरण किया । अतिथियों का स्वागत फूलमाला से किया गया । गंडई के राजा देवेन्द्र शाह खुशरो, ठाकुरटोला के राजा लाल रोहित सिंह पुलतस्य, विष्णु सिंह ठाकुर, अग्रहीज मण्डावी, निजाम सिंह मण्डावी, शेरसिंह मेरावी एवं सभी क्षेत्र के मुड़ा दार उपस्थित रहे । समाज प्रमुखों का सम्मान फूलमाला से अर्चना पोर्ते ने किया । अतिथियों का स्वागत बैच लगाकर किया गया ।
अनुसूचित जनजाति आयोग छत्तीसगढ़ की सदस्य अर्चना पोर्ते ने कहा शहीद वीर नारायण सिंह को शत शत नमन है । आगे बढ़ने के लिए कभी कभी पीछे जाना पड़ता है । संगठन की बात करें तो इतिहास गौरवशाली था जैसे वीर नारायण सिंह, रानी दुर्गावती के समय । समाज का मूलमंत्र एकता है । हमारे पूर्वजों से सीखना जरूरी है । मैं आज कार्यक्रम में आकर भावविभोर हूँ । इस गांव से मेरा सबंध नाना और मेरी माँ के समय से है । हमारे पूर्वजों ने समाज की सेवा की है। वीर नारायण सिंह ने समाज के उत्थान के लिए कार्य किया है इसलिए आज उनकी मूर्ति का अनावरण करके याद किये है। वीर नारायण सिंह ने समाज को भूख से निजात दिलाने अंग्रेंजो से लोहा लिया । यही बात हमे अपनी आने वाली पीढ़ी को सिखाना पड़ेगा । आप सबने साल्हेवारा को तहसील बनाने की मांग, छत्रावास के उन्नयन की मांग की है इन सभी बातों को मुख्यमंत्री को अवगत कराउंगी । आज शहीद वीर नारायण सिंह से प्रेरणा लेकर समाज के विकास में योगदान दूंगी ।
बीएस खुशरो ने कहा मैं कार्यक्रम में आने वाले सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ । आप सबने अपना कीमती समय दिया । अग्राहीज मण्डावी गोंड़ सभा खैरागढ़ के अध्यक्ष ने कहा कि सभी अतिथि अर्चना पोर्ते, देवेंद्र शाह खुशरो, रोहित पुलतस्य व समस्त मुड़ादार का हृदय से स्वागत करता हूँ । देवेन्द्र शाह खुशरो ने कहा शहीद वीर नारायण सिंह महान विभूति थे। हमारे समाज को जगाना है ।रोहित पुलस्तय ने कहा कि आज बहुत सौभाग्य की बात है यहां आने का अवसर मिला है । शहीद वीर नारायण सिंह अपना नही जनता का हित सोचते थे और उनके लिए ही बलिदान दे दिया ।
निजाम सिंह मण्डावी ने कहा आदिवासी समाज केवल सम्मान मांगता है । महाविद्यालय का नामकरण रानी दुर्गावती के नाम से हो । आदिवासी छत्रावास का उन्नयन किया जाए। विष्णु ठाकुर ने कहा शहीद वीर नारायण सिंह ने अपनी जनता की भूख की लड़ाई लड़ी ।
अंत मे अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया व विदाई गीत प्रस्तुत किया गया।अतिथितियों के जाने के पश्चात भी गीत संगीत का कार्यक्रम चलता रहा।कार्यक्रम में सम्मिलित सभी अतिथियों व आने जाने सम्मिलित होने वाले सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भी रखी गयी थी।