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सेवानिवृत्त डिप्टी फॉरेस्ट रेंजर की याचिका : सीसीएफ और कोरबा डीएफओ को थमाया अवमानना नोटिस, हाईकोर्ट ने कहा-सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान क्यों नहीं किया गया

बिलासपुर: सेवानिवृत्त डिप्टी फॉरेस्ट रेंजर की याचिका मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) बिलासपुर नावेद सुजाउद्दीन और कोरबा वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) प्रियंका पांडेय को अवमानना नोटिस जारी करते हुए तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने पूछा है कि निर्धारित 60 दिन बीतने के बाद भी याचिकाकर्ता को सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान क्यों नहीं किया गया? कोमल प्रसाद शर्मा ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय और दीपिका सन्नाट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया कि वह जमनीपाली कोरबा के रहने वाले हैं और कोरबा में ही डिप्टी फॉरेस्ट रेंजर के पद पर पदस्थ थे।

31 जुलाई 2020 को 62 वर्ष की आयु पूरी होने पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया। उनके विरुद्ध एक विभागीय जांच की प्रक्रिया चल रही थी, इसलिए उन्हें सिर्फ 90 प्रतिशत फैमिली पेंशन दी जा रही थी।

अन्य सेवानिवृत्ति देयक जैसे ग्रेच्युटी, जीपीएफ, जीआईएस व अवकाश नगदीकरण, छठवें वेतन आयोग का एरियर्स से वंचित कर दिया गया। इस पर उन्होंने रिट याचिका दायर की।

मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर नावेद सुजाउद्दीन व वन मंडलाधिकारी कोरबा प्रियंका पाण्डेय को यह निर्देशित किया था कि वे 60 दिन के भीतर याचिकाकर्ता के मामले का अंतिम निराकरण कर याचिकाकर्ता को अन्य सेवानिवृत्ति देयक प्रदान करें। याचिकाकर्ता ने अभ्यावेदन के बाद सेवानिवृत्ति देयक नहीं दिया गया। इस पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की।

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