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ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मूंग की खेती को बढ़ावा – किसानों को हो रहा लाभ

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

खैरागढ़ // 28 मई 2025

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में इस वर्ष ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मूंग की खेती को प्राथमिकता दी जा रही है। कृषि विभाग की पहल पर किसानों को कम जल खपत वाली फसल की ओर प्रेरित किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

इस वर्ष जिले में कुल 2285 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई की गई है। यह क्षेत्रफल गत वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है, जो दर्शाता है कि किसान पारंपरिक धान फसल की अपेक्षा अब मूंग की ओर रुझान दिखा रहे हैं।

मूंग की फसल की अवधि मात्र 90 दिन की होती है, जिससे किसान कम समय में अच्छी उपज प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ ही यह फसल भूमि की उर्वरता बढ़ाने में भी सहायक है। विभाग द्वारा किसानों को उन्नत किस्म के बीज नि:शुल्क अथवा अनुदान पर उपलब्ध कराए गए, जिससे उन्हें बेहतर उत्पादन में मदद मिली।

धान की तुलना में मूंग फसल में कम पानी की आवश्यकता होती है। जिले के कई क्षेत्रों में जल संकट को ध्यान में रखते हुए, यह परिवर्तन टिकाऊ कृषि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

कृषि विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में ग्रीष्मकालीन धान का रकबा कम कर, किसानों को दलहनी फसलों की ओर मोड़ा जाए। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि जल संरक्षण व मृदा स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा।

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