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पोटिया कला – गांव से शहर बने 22 वर्ष पुर्ण विकास के नाम पर खानापूर्ति

पोटिया कला – गांव से शहर बने 22 वर्ष पुर्ण विकास के नाम पर खानापूर्ति

वार्ड वासियो का कहना है कि दुर्ग शहर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पोटिया कला वार्ड क्रमांक 54

इस गांव को शहर में विलय किये आज 22 वर्ष हो चुका है और आज अभी भी किसी प्रकार के कोई विकास या परिवर्तन नहीं हुआ है जबकि इस वार्ड के नागरिकों के द्वारा सरकार को सभी प्रकार के टैक्स दिए जा रहे हैं

और नेताओं द्वारा तरह-तरह की वादे करके एवं लोगो को गुमराह करके चले जाते हैं फिर भी आज तक इस गांव की कोई विकास कार्य नहीं हो पाया है

जबकि दुर्ग शहर के 60 वार्ड में से सबसे बड़ा पोटिया कला वार्ड 54 में आने वाला क्षेत्र जैसे पोटिया बस्ती, पोटिया आबादी ,पोटिया ऋषभ सिटी ,पोटिया आनंद विहार ,एवं पोटिया कुंदरा.पारा ,

जो आज अलग-अलग वार्ड रहता लेकिन निगम एवं प्रशासन की लापरवाही के कारण आज भी सभी कलौनी को एक मे मिलाकर रखा है जिससे वार्ड बहुत बड़ा है

पार्षदो एवं नागरिको द्वारा कई बार प्रशासन को लिखित मे आवेदन दिये है उसके बाद भी आज तक कुछ नही हो पाया हैं।

जिससे पार्षद द्वारा यह सुनने को भी मिलते है कि कर्मचारी कम है और काम ज्यादा हैं।

इस वार्ड में किसी भी प्रकार के कोई सुविधा नहीं है जबकि खास बात यह है कि इस वार्ड से 1 किलोमीटर के अंदर लगभग सभी नेताओं एवं कर्मचारियो का निवास स्थल हैं।

जैसे पार्षद , प्रभारी मंत्री ,महापौर, विधायक ,पूर्व महापौर, नेता प्रतिपक्ष एवं गृह मंत्री ,से लेकर निगम प्रशासनिक अधिकारी यह सभी लोग यही निवास करते हैं उसके बाद भी यहां के विकास के नाम पर ग्रहण लगा हुआ हैं।

1 ) पोटिया कला एक कबीर पंथी गांव है यहां 70% साहू लोग निवास करते है इस गांव मे हर साल सदगुरु कबीर साहेब के नाम से वार्ड़ वासियो के सहयोग से कबीर साहेब कि परवचन भजन किर्तन कर चौका आरती का कार्यक्रम होता है

इस गांव मे किसी भी दुकान मे यहां तक अंड़ा भी बेचना शक्त मना है

इस गांव के अंदर या माता तालाब के आस पास खुलेआम धुम्रपान करना नशा करके चौक चौराहो मे गाली गलौच करना एवं तालाब परिसर मे शौच एवं जानवरो को नहलाना शक्त मना हैं।

2 ) उसके बाद भी पोटिया कला चौक मे चारो तरफ मांस,मटन,बकरा एवं मीट कि दुकाने खुले आम संचालित हो रहा हैं। इसे बंद करने के लिये या इन दुकानो को दुसरे जगह संचालित करने के लिये निगम प्रशासन आज तक कोई ठोस कदम नही उठाई हैं।

जबकि खास बात यह है शहर मे जितने भी खुले आसमान तले दुकान चला रहे है उन किसी के पास दुकान चलाने के लिये किसी भी प्रकार के कागज नही हैं।

3 ) पोटिया चौक में कई वर्षों से प्रवेश द्वार एवं चौक के सौंदर्यीकरण के लिए वार्ड वासियों द्वारा कई बार प्रशासन एवं नेताओं को आवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया

उसके बाद भी नेताओं द्वारा केवल आश्वासन ही मिला है आज तक किसी भी तरह के कोई भी कार्य नहीं किया है

4 ) इस वार्ड में कहीं पर भी खेल मैदान नहीं है दशहरा मैदान में कार्यक्रम के दौरान सांसद डॉक्टर सरोज पांडे के द्वारा मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी

एवं समुदायिक भवन के लिए 56,00,000 रू. छप्पन लाख रुपये की स्वीकृति की थी वह भी पैसा आज तक वार्ड में नहीं आया एवं राजनीतिक दबाव के चलते आज वह मैदान बंजर सा हो गया हैं।

5 ) इस वार्ड में बच्चों एवं बुजुर्गो के लिए कहीं पर भी किसी प्रकार के गार्डन नहीं है और गार्डन के लिए जो जगह प्रस्तावित है आज वहां किसी न किसी कारण से अतिक्रमण हो गया है महावीर क्रिकेट मैदान के सामने, शिव दीपक कलाकार घर के सामने गार्डन भाटापारा, में एवं आबादी मैं यस क्लिनिक के सामने गार्डन ,आज तक निगम प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को हटाने कि कोई प्रयास नही कि हैं।

6 )पोटिया कला चौक में 75,00,000 पछत्तर लाख रुपए की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन रहा था जो आज अधूरा पड़ा हुआ है एवं आज वहां जानवरों के बैठने का एवं लोगों द्वारा वहां बैठकर दारु पीने के काम आ रहे है उस भवन के अंदर गोबर ,डिस्पोजल एवं पानी पाउच अधिक मात्रा में पड़ा हुआ है

7 ) पोटिया कला में जो गौठान है वह आज भी 22 साल पहले वाले गौठान है. इस वार्ड में गौठान नहीं होने के कारण यहां की गाय और भैंस रोड में बैठे रहते हैं जिसे रोड में आने जाने वालों को बहुत ही दिक्कत एवं दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है दुर्ग वार्ड 54 को छोड़कर बाकी सभी गांव व शहर जगह – जगह मॉडल गौठान का निर्माण हो गया है

8 ) इस वार्ड में गांव से बाहर मुक्तिधाम का निर्माण किया गया है जो आज बहुत ही जंजर अवस्था में पड़ा हुआ है

एवं मुक्तिधाम स्थल तक पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार के रोड का निर्माण नहीं हुआ है जिससे बरसात में आने जाने वालों को बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ता है

9 ) पोटिया कला वार्ड 54 में मैला गड्ढा बनने से पूरे 59 वार्ड के कचरा लाकर डंप कर देते हैं जिससे आज मैला गड्ढा से लेकर गांव तक कचरे का ढेर हो गया है

निगम के कचरा गाड़ी कचरे को फैला कर रोड मे एवं गांव के पास ला चुके हैं जिससे पूरे शहर का बदबू वार्ड 54 पोटिया के लोग झेल रहे हैं

निगम द्वारा कचरे को खाद बनाने वाला कोई प्रकार की मशीन नहीं डाले हैं जिससे कचरा विशाल रूप ले लिया है

10 ) खेती करने के लिए किसान जब अपने खेत जाते हैं तो उस कचरे के ढेर से गुजर कर जाना पड़ता है

और डर लगा रहता है कि कहीं कुत्ते ने आकर न काट ले क्योंकि शहर में मरे हुए जानवर को पोटिया के मैला गड्ढा में लाकर फेंक देते हैं और वहां रह रहे कुत्ते लोग मरे हुये जानवर के मांस खाकर पागल हो जाते है जिससे किसान कभी भी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं

11 ) पोटिया कला दुर्ग मे हेमचंद विश्व विद्दालय का निर्माण हो रहा है यह विद्दालय 18,00,00,000 आठारह करोड़ रूपये के लागत से बन रहा है इसका भूमि पूजन छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू विधायक अरूण वोरा एवं अन्य मंत्री व पार्षद गण उपस्थित थे

हेमचंद विश्व विद्दालय के बनने से आस पास के लोगो को पढ़ने के लिये बाहर जाने कि जरूरत नही पड़ेगी यह सौभाग्य कि बात है कि यह विद्दालय पोटिया कला वार्ड मे बन रहे है इस विद्दालय के बनने एवं खुलने से पोटिया कला दुर्ग का नाम रोशन होगा इसके लिये वार्ड वासियो ने छत्तीसगढ़ शासन का आभार व्यक्त किया हैं।

12 ) पोटिया कला मे दो स्कूल है पहला(प्राथमिक शाला ) प्राईमिरी स्कूल और दुसरा ( शासकिय पूर्व माध्यमिक शाला) मीडिल स्कूल जिसमे से कक्षा – छटवी से लेकर आठवी तक याने मीडिल स्कूल पुरी तरह से खराब हो गया है

इस स्कूल के नये भवन के निर्मीण के लिये वार्ड वासियो द्वारा कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया उसके बाद भी आज तक इस स्कूल का नया निर्माण तो दुर की बात इसका संधारण करना भी उचित नही समझा

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