पंडरिया: ग्रामीणों, स्कूलों और आश्रम-छात्रावासों को नहीं मिला चावल.सोसाइटी में प्रबंधक बदले गए

पंडरिया: ग्रामीणों, स्कूलों और आश्रम-छात्रावासों को नहीं मिला चावल.सोसाइटी में प्रबंधक बदले गए

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कवर्धा : पंडरिया ब्लॉक के सुदूर वनांचल क्षेत्र कुई और कुकदूर में आदिवासी सेवा सहकारी समिति द्वारा राशन दुकान संचालित है। दोनों दुकानों में दिसंबर 2025 का चावल अब तक नहीं पहुंचा है। इसका सीधा असर ग्रामीणों, स्कूलों और आश्रम-छात्रावासों के सैकड़ों बच्चों पर पड़ रहा है।
कुई- कुकदूर की आदिवासी सेवा सहकारी समिति की राशन दुकानों से ग्रामीणों के राशन, स्कूलों के मध्याह्न भोजन, छात्रावास और आश्रमों के लिए हर महीने चावल वितरित किया जाता है। लेकिन इस महीने चावल न मिलने से लाभार्थियों को परेशानी हो रही है। दोनों सोसाइटी में 1250 परिवारों को मुफ्त चावल देने की सुविधा है, लेकिन इस महीने चावल नहीं मिल पाया है। जानकारी के अनुसार दोनों सोसाइटी में प्रबंधक बदले गए हैं। डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) जमा नहीं होने के कारण सोसाइटियों में चावल नहीं भेजे गए हैं। पंडरिया के खाद्य निरीक्षक हिमांशु केसरवानी ने बताया कि इन दुकानों के प्रबंधक बदलने के कारण डीडी जमा नहीं हुआ है। यही वजह है कि राशन वितरण में देरी हुई। आज ही डीडी जमा करवा कर राशन की तत्काल व्यवस्था की जाएगी। ताकि परेशानी से बचा जा सके।
5 स्कूल और 5 छात्रावास इन्हीं दोनों दुकानों पर निर्भर कुई- कुकदूर की राशन दुकानों पर एक प्राथमिक व एक माध्यमिक स्कूल, एक कन्या छात्रावास और दो आश्रम निर्भर है। कुकदूर सोसायटी की दुकानों पर एक माध्यमिक स्कूल, दो प्राथमिक स्कूल और दो छात्रावास निर्भर हैं। ग्राम कुई निवासी जानकी बाई ने बताया कि इस महीने का चावल नहीं आया है। बच्चों और परिवार के लिए खाने की व्यवस्था मुश्किल हो गई है। समय पर चावल नहीं मिला, तो परेशानी बढ़ जाएगी।
इस संबंध में जिला खाद्य अधिकारी सचिन मरकाम का कहना है कि शिकायत पर निरीक्षकों का जांच के लिए भेजेंगे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और पीडीएस में गुणवत्तापूर्ण चावल वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। हितग्राहियों को समय पर राशन मिलना जरूरी है।
कवर्धा| बोड़ला ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र के ग्राम तरेगांव जंगल, दलदली, बोक्करखार, चिल्फी और शीतलपानी के पीडीएस दुकानों में कनकी युक्त घटिया चावल मिलने की शिकायत है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें कनकी युक्त और कीड़े लगे चावल दिए जा रहे हैं। आरोप है कि कि क्वालिटी इंस्पेक्टर और राइस मिलर्स की मिलीभगत से खराब चावल सप्लाई किया जा रहा है। तरेगांव जंगल की राशन दुकान में एक और गड़बड़ी सामने आई है। वो यह है कि यहां राशन वितरण का काम दुकान के सेल्समैन के बेटे द्वारा किया जा रहा है। जबकि नियुक्त सेल्समैन सिर्फ वेतन लेता है। इस संबंध में सरकारी नियमों के अनुसार, पीडीएस दुकान का संचालन केवल नियुक्त सेल्समैन के अधिकार में होना चाहिए।


