साहित्य अकादमी नई दिल्ली के तत्वाधान में पंडरिया [ रायपुर] बैगानी भाषा सम्मेलन का आयोजन हुआ।

कुई-कुकदूर –साहित्य अकादमी,
नई दिल्ली भारत सरकार एवं पं.रवीशंकर वि.विद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वावधान मे “बैगानी भाषा सम्मेलन”का आयोजन किया, जिसमे बैगा संस्कृति, वेशभूषा,बैगाओ की उत्पति,बैगाओ की जीवन शैली,बैगाओ का प्रमुख खेती,बैगाओ की गीत,कविता,साहित्य विधा,व्याकरण,लिपि,कहानी, मुहावरा,लोकोक्तिया,जनऊला,धरती की उत्पति,रहन-सहन आदि बैगाओ की विषय को सहज रुप मे बताया गया एवं वाचन करके बताया गया||जिसमें बैगा भाषा अनुवादक,वाचनकर्ता के रुप जिला-कबीरधाम,जि-बलाघाट,जि-डिंडौरी के समाज के पदाधिकारी,कर्मचारी,अधिकारी एवं समाज के अन्य सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दिया| कार्यक्रम की अध्यक्षता-पद्मश्री अर्जुनसिहं तोतड़िया,मोतीराम कचनरिया(प्रदेश अध्यक्ष बैगा समाज)||

जिसमें वाचन कर्ता- बैगा नृत्य राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित एवं सर्व विशेष पिछड़ी जन जातीय संगठन सचिव-श्री धनीराम कड़मिया,कबीरधाम से
(1)जिसका विषय था-बैगा भाषा का इतिहास) का वाचन किया|
,श्री चैनसिहं सुरखिया शिक्षक,कबीरधाम(2)विषय-बैगाओ का लिपि एवं व्याकरण) वाचन किया|
,अमरलाल बरिया,ढुरकुटा,डिंडौरी से(3)विषय-बैगानी भाषा) का वाचन किया|
प्रोफेसर धर्मेन्द्र पारे सर, भोपाल कॉलेज से (4)विषय-बैगानी साहित्य का इतिहास का वाचन किया||
,बजरुराम सरड़िया शिक्षक,कबीरधाम से(5)विषय-बैगानी साहित्य विधा का वाचन किया|
,जुगलाल निंगुनिया,ढुरकुटा,डिंडौरी से(6)विषय-बैगानी कथा परंपरा का वाचन किया|
,मंती बैगा,ढुरकुटा(7)विषय-बैगानी परिवारिक गीत का वाचन किया|
,जेहरसिहं ओदरिया शिक्षक,कबीरधाम से(8)विषय-बैगानी संस्कार का वाचन किया|
प्रोफेसर राकेश चंदेल सर पी.जी.कॉलेज कबीरधाम से(9)विषय-बैगानी संस्कृति का इतिहास का वाचन किया|
साधुराम झुमुड़िया शिक्षक,बालाघाट (म.प्र.)से(10)विषय-बैगानी संभ्यताएं एवं वेशभूषा का वाचन किया||
डॉ.विजय चौरसिया डिंडौरी(म.प्र.)से(12)विषय-बैगानी कविता, महाकाव्य का वाचन किया ||
दयाराम रठुड़िया ढुरकुटा डिंडौरी,म.प्र.से(13)विषय-बैगानी लोकगीत का वाचन किया||
प्रोफेसर शिखा पाटिदार साहित्यकार,भोपाल कॉलेज से(14)विषय-बैगानी वस्तुकला का वाचन किया||
स्वाति आनंद गौरेला पेंड्रा से(15)विषय-बैगानी गोदना साहित्य का वाचन किया||
,प्रोफेसर डॉ. झामलाल बैगा सहायक प्राध्यापक भोपाल कॉलेज से(16)विषय-बैगा गोदना का वाचन किया||
,लखनलाल ओदरिया ढुरकुटा डिंडौरी से(17)विषय-बैगा लोक कला का वाचन किया||
(18)विषय-बैगानी लोक गीत,लोक नृत्य, सामूहिक (धनीराम कड़मिया,चैनसिहं सुरखिया,जेहरसिहं ओदरिया,बजरुराम सरड़िया,मोती कचनरिया)
विशेष योगदान रहा।