पंडरिया कुकदूर: घोड़े का झुंड जंगल में विचरण कर रहा।

घोड़े का झुंड जंगल में विचरण कर रहा।

पंडरिया कुकदूर: पहाड़ी में बसे लोगों के लिए पहले घोड़ा ही आवागमन का एकमात्र साधन था जिसमें लोग पहाड़ी से उतरकर बाजार आया करते थे और सामान उसकी पीठ पर ले जाते थे परंतु पहाड़ी तक पक्की सड़क बन जाने से घोड़े की उपयोगिता समाप्त हो गई घोड़ा मालिक उसे स्वतंत्र छोड़ दिए इसलिए वो पालतू घोड़े अब स्वतंत्र घुम घुम कर जंगली हो गए और अपनी संख्या बढ़ाकर 30-35 के झुंड में रहते हैं पिछले दो सालों से उन्हें नेऊर,अमनिया, दमगढ़,महीडबरा,कांदावानी।

बदना,घोघरा,बिरहुडीह में देखा जाता है लोग इन्हें कौतूहल से देखते भी हैं परंतु ये गांव में भी आ जाते हैं और किसानों ने फसल को नुक़सान भी पहुंचाते हैं आसपास के लोग बताते हैं कि ये मध्य प्रदेश के बार्डर गांव से यहां पहुंचे हैं वन विभाग को इसके सरंक्षण के साथ उचित देखभाल किये जाने की आवश्यकता है।