Chhattisgarh

डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की 131वीं जयंती पर कविताओं से सराबोर हुआ संस्कार साहित्य मंच छत्तीसगढ़

डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की 131वीं जयंती पर कविताओं से सराबोर हुआ संस्कार साहित्य मंच छत्तीसगढ़

Ap न्यूज़: गत 14 अप्रेल, गुरुवार को संविधान निर्माता, भारत रत्न, अछूतों के मसीहा एवं देश के प्रथम कानून मंत्री डाॅ. भीम राव अम्बेडकर जी के 131वीं जयंती के पावन अवसर पर संस्कार साहित्य मंच छत्तीसगढ़ के व्हाट्सएप पटल पर आनलाईन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शैलेन्द्र नायक शिशिर जी ने मंच को सुशोभित किया साथ ही कार्यक्रम की अध्यक्षता सुकमोती चौहान रुचि जी ने की तथा धनीराम नंद मस्ताना एवं मानक दास मानिकपुरी विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम को शोभायमान किया। देव वंदना के पश्चात डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर जी के शानदार संचालन में काव्यपाठ का प्रारंभ परमानंद निषाद प्रिय जी ने की तथा कहा कि “भारत के गौरव बाबा साहेब, समाज सुधारक, महिला उद्धारक थे।” तत् पश्चात अगले क्रम में विनोद कुमार चौहान जोगी ने बाबा भीमा जी को समर्पित आल्हा छंद प्रस्तुत करते हुए कहा कि “एक साथ सब मिलकर बोलें, बाबा भीमा की जयकार”। अगले क्रम में क्रमशः खीरसागर चौहान जी ने शानदार माहिया छंद की प्रस्तुति दी, धनीराम नंद मस्ताना जी ने अपने छत्तीसगढ़ी गीत में कहा कि “छुआछूत के भेद मिटाके, समता के पाठ पढ़ाये।” ललित कुमार भार जी ने अपनी कविता में कहा कि “रोते हुए को हँसा लूँ, इतनी क्षमता देना।” गीता सागर जी ने कहा कि “जग ला सुग्घर रद्दा दिखाके, समाज म चेतना लाये।” मानक दास मानिकपुरी जी ने कहा कि “हिन्दू-हिन्दू में जात-पात है, ऊंच-नीच का भाव है।” गोकुलानंद चौहान जी ने कहा कि “बेहद बेगैरत हैं वो लोग जो गरीबों की लड़ाई में धनवान बन गए।” शंकर सिंह सिदार रत्नेश जी ने कहा कि “संविधान के निर्माता, भीमराव को नमन है।” प्रेमचंद साव प्रेम जी ने कहा कि “विपदाओं के कठिन डगर में, साहस हमें दिखाना है।” रुकमणी प्रमोद भोई जी ने कहा कि “न होने देना किसी अपने को दूर, वरना कभी समेट न पाओगे उन्हें बिखेरकर।” डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर जी ने कहा कि “संविधान के रचने वाले, भीमराव को याद करें।” शैलेन्द्र नायक शिशिर जी ने कहा कि भारत माता के सुत महान, उनकी जय-जयकार करें। तथा सुकमोती चौहान रुचि जी ने शानदार काव्यपाठ करते हुए कहा कि “बसंत पंचमी शुभे प्रवीण गंधराज है।”
कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में शैलेन्द्र नायक शिशिर जी, धनीराम नंद मस्ताना जी एवं मानक छत्तीसगढ़िया जी ने अतिथि उद्बोधन स्वरूप मंच को संबोधित किया तत् पश्चात सुकमोती चौहान रुचि जी ने आभार व्यक्त करते हुए सफल कार्यक्रम आयोजन हेतु शुभकामना संदेश प्रेषित किया एवं आगामी दिनों में ऐसे सफल आयोजन की कामना करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।

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