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विकसित देश के लिए ओबीसी की गिनती और सबकी हिस्सेदारी जरूरी – विप्लव साहू

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

खैरागढ़ : ओबीसी महासभा ने संभाग अध्यक्ष विप्लव साहू के नेतृत्व में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत कई शीर्ष पदाधिकारियों के नाम एक विस्तृत 23 सूत्रीय ज्ञापन जिला कलेक्टर कार्यालय को सौंपा। महासभा ने ओबीसी समाज के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए शासन से ठोस पहल की मांग की है। महासभा ने राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी की गणना कराने, आबादी के अनुपात में आरक्षण देने और क्रीमीलेयर जैसी असंवैधानिक शर्तों को खत्म करने की पुरज़ोर मांग की। साथ ही 32 वर्षों से लंबित 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू कर बैकलॉग नियुक्तियां जल्द देने पर भी ज़ोर दिया। साथ में जिला अध्यक्ष किशोर निषाद महासचिव भुवनेश्वर वर्मा उपाध्यक्ष नीलेश यादव गोलू साहू आदि पदाधिकारी मौजूद रहे। श्री साहू ने कहा कि मंडल कमीशन की अनुशंसाओं को पूरी तरह लागू कर देशभर में ओबीसी आरक्षण को संविधान की नवमी अनुसूची में रखा जाए। उन्होंने प्रदेश के सभी तहसील मुख्यालयों में छात्रावास खोलने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने और बैंकलॉग पदों पर भर्ती कर बेरोज़गारों को राहत देने की मांग भी की। महासभा ने शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तीकरण पर आपत्ति जताते हुए इसे निरस्त करने की अपील की। साथ ही छात्रवृत्तियों की विसंगतियों को दूर कर अनुसूचित जाति-जनजाति की तर्ज़ पर ओबीसी छात्रों को भी समान लाभ देने की वकालत की। ज्ञापन में कहा गया कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है, ऐसे में सभी हायर सेकेंडरी स्कूलों में कृषि संकाय अनिवार्य किया जाए। सामाजिक प्रास्थितिक (ओबीसी) प्रमाण पत्र की प्रक्रिया सरल बनाने और बजट में ओबीसी के लिए प्रावधान सुनिश्चित करने की भी मांग की गई।ओबीसी महासभा ने राज्य में अलग से पिछड़ा वर्ग विभाग बनाने एट्रोसिटी एक्ट का दायरा ओबीसी तक बढ़ाने और धान खरीदी 1 नवम्बर से शुरू करने का भी आग्रह किया। साथ ही आंध्र प्रदेश की तरह प्रशासनिक सेवाओं की भर्ती में साक्षात्कार समाप्त करने की मांग रखी। ज्ञापन में वनभूमि पर निवासरत ओबीसी परिवारों को पट्टा, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, बर्खास्त बी.एड शिक्षकों का समायोजन, अंशकालीन स्वीपर को पूर्णकालिक करने और मध्यान्ह भोजन रसोइयों का मानदेय बढ़ाने जैसे मुद्दे भी शामिल रहे। अंत में महासभा ने कहा कि ओबीसी समाज को हक दिलाकर ही सच्चे अर्थों में समतामूलक समाज की स्थापना हो सकती है। इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य मौजूद थे।

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