अब घर ही बना बिजलीघर! ‘सूर्यघर योजना’ से खैरागढ़ के मनीष अग्रवाल बने ऊर्जा उत्पादक


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
खैरागढ़, 5 अक्टूबर।
प्रधानमंत्री “सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” से खैरागढ़ के नागरिक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। शहर के इतवारी बाजार निवासी मनीष अग्रवाल का घर इस योजना की सफलता का जीवंत उदाहरण बन चुका है। पहले जहाँ वे हर महीने बिजली बिल चुकाते थे, अब वे अपने घर की छत से ही बिजली का उत्पादन कर रहे हैं।
5 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम, 1 लाख 8 हजार की सब्सिडी

श्री अग्रवाल ने योजना की जानकारी मिलते ही आवेदन कर अपने मकान की छत पर 5 किलोवाट पावर क्षमता का सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित कराया।
इस सिस्टम की कुल लागत ₹3 लाख रही, जिसमें से ₹78,000 की सब्सिडी केंद्र सरकार से और ₹30,000 की अतिरिक्त सब्सिडी राज्य शासन से प्राप्त हुई। इस प्रकार उन्हें कुल ₹1 लाख 8 हजार रुपए की सरकारी सहायता मिली, जिससे सोलर सिस्टम की वास्तविक लागत काफी कम हो गई।
450 यूनिट खपत पर 590 यूनिट उत्पादन — बिजली बिल हुआ ‘जीरो’
सोलर सिस्टम के लगते ही पहले महीने में ही सकारात्मक परिणाम सामने आए। श्री अग्रवाल के घर की औसत मासिक खपत लगभग 450 यूनिट है, जबकि सोलर पैनल ने 590 यूनिट बिजली का उत्पादन किया। यानी उनकी खपत से 140 यूनिट अधिक उत्पादन हुआ।
उन्होंने बताया —
“पहले हम सिर्फ बिजली खर्च करते थे, अब हम खुद बिजली बना रहे हैं। हमारे घर का बिजली बिल अब शून्य हो चुका है।”
तीन से चार साल में लागत वसूल, बीस साल तक मुफ्त बिजली
श्री अग्रवाल के अनुसार सोलर पैनल की आयु 20 से 25 वर्ष तक होती है। लागत की वसूली केवल 3–4 वर्षों में ही संभव है, जिसके बाद उन्हें वर्षों तक मुफ्त बिजली का लाभ मिलता रहेगा।
ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
यह योजना सिर्फ व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कोयला और पेट्रोलियम जैसे प्रदूषणकारी संसाधनों पर निर्भरता घटेगी। सौर ऊर्जा का बढ़ता उपयोग पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
मनीष अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “यह योजना हर घर के लिए वरदान है, हर नागरिक को इसका लाभ उठाना चाहिए।”