छुईखदान के संडी में श्री सीमेंट संयंत्र: 404 हेक्टेयर में औद्योगिक निवेश, रोजगार और विकास की नई उम्मीद


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो केसीजी
खैरागढ़ : छुईखदान विकासखंड के ग्राम संडी एवं आसपास के पंडरिया, बुंदेली, विचारपुर और भरदागोंड के 404 हेक्टेयर क्षेत्र को Shree Cement Limited की प्रस्तावित लाइमस्टोन परियोजना के लिए चुना गया है। परियोजना अंतर्गत प्रमुख रूप से तीन ग्राम बिचारपुर, बुंदेली और पंडरिया की क्रमश: 184.602, 49.096, 164.118 हे. जमीन प्रस्तावित है जबकि संडी की 4.487 हे. एवं भरदागोंड की 1.697 हे. भूमि शामिल होगी। स्थानीय लोगों के समन्वय से परियोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। उपलब्ध औद्योगिक और पर्यावरणीय दस्तावेजों के अनुसार, इस ब्लॉक से प्रतिवर्ष लगभग 3.64 मिलियन टन लाइमस्टोन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, सालाना 5.128 मिलियन टन अपशिष्ट के उत्पादन का अनुमान है, जिसमें 0.0409 मिलियन टन टॉप-सॉइल और 0.182 मिलियन टन ROM-reject शामिल हैं। परियोजना में 1200 TPH प्राइमरी और 400 TPH सेकेंडरी क्रशर लगाने की योजना है, जो संयंत्र की अनुमानित उत्पादन क्षमता और भविष्य की औद्योगिक गति को दर्शाती है।
स्थानीय ग्रामीण इस परियोजना को क्षेत्र के लिए विकास और रोजगार का बड़ा अवसर मान रहे हैं। प्रस्तावित परियोजना में रोजगार, आवास और पर्यावरण संबंधी पर्याप्त प्रावधान किए जाएँगे।परियोजनाओं से स्थानीय लोगों को भवन निर्माण, मशीन स्थापना, मशीन संचालन, तकनीकी कार्य, खनन प्रबंधन, सुरक्षा और कार्यालयीन कार्यों में प्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट, होटल-ढाबा, किराना व्यापार, मकान किराया, हार्डवेयर व रिपेयरिंग कार्य जैसी सेवाओं में भी अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार बढ़ने की उम्मीद है। बड़े उद्योग के आने से स्थानीय युवाओं में उद्यमशीलता बढ़ेगी और वो भी अपना कारोबार चालू करने के लिए प्रेरित होंगे। अनुमान है कि परियोजना के पूर्ण संचालन से सैकड़ों प्रत्यक्ष और हजारों अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर सृजित होंगे।
महत्वपूर्ण यह है कि खनिज ब्लॉक के भीतर आने वाले गाँवों को विस्थापित नहीं किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका और सामाजिक स्थिरता पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। आधुनिक तकनीक से लगने वाले संयंत्र से पर्यावरण को प्रभाव कम होगा। संयंत्र को पर्यावरण नियमों के अंदर कई जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा।
औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार से सड़क, बिजली, जलापूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार की भी संभावना है। कृषि उत्पादों की मांग और बाजार भाव में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद जताई जा रही है। कंपनी की CSR गतिविधियों के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास में सहयोग मिलने से ग्रामीणों का सामाजिक-आर्थिक स्तर और मजबूत होगा।
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई क्षेत्र अब तक संगीत विश्वविद्यालय के लिए जाना जाता था, लेकिन लोहा और लाइमस्टोन के खदान और सीमेंट फैक्ट्री के संचालन से यह जिला औद्योगिक पहचान भी बनाएगा। क्षेत्र में प्रस्तावित भारतमाला परियोजना के अंतर्गत भोपाल-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से यह क्षेत्र विकास के नए आयाम छू सकेगा। शिमगा से सीधे डोंगरगढ़ चौड़े सड़क के निर्माण से जिला में औद्योगिक परिदृश्य तेजी से बदलेगा। वर्तमान में जिला लगभग कृषि पर निर्भर होने की वजह से प्रतिभावान एवं आकांक्षी युवाओं को रोजगार के अच्छे अवसर के जिला से बाहर पलायन करना पड़ता है। आने वाले समय में जिला स्तरीय विभिन्न कार्यालयों की स्थापना सहित यातायात के नए साधन, औद्योगिक विकास, आधुनिक कृषि, पर्यटन क्षेत्रों के विकास आदि से जिला आर्थिक रूप से सशक्त होकर अग्रणी जिलों के श्रेणी में शामिल होगा।
संडी एवं आसपास के गांवों में लोग इस परियोजना को विकास की नई शुरुआत मान रहे हैं। रोजगार, व्यापार और बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई गति लाने का संकेत देती है।



