कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगाँव की मासिक कार्यशाला छुईखदान में आयोजित



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कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा मासिक कार्यशाला जिला खैरागढ़ –छुईखदान-गंडई में स्थित रानी अवन्ती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र छुईखदान में दिनांक 07 अगस्त 2024 को आयोजित किया गया जिसमें कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, उद्यानिकी एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी एवं किसान उपस्थित हुए I इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य रूट लेवल पर कार्य कर रहे अधिकारियों को वैज्ञानिक व विभिन्न विभागों की वैज्ञानिक जानकारी देना व उनसे रूट लेवल की समस्याओं को समझकर उसका निदान करना था जिसके अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगाँव की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ गुंजन झा नें खरीफ फसल में आने वाली प्रमुख समस्याओं के विषय में चर्चा की साथ हि कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र छुईखदान के अधिष्ठाता डॉ अविनाश गुप्ता नें खरीफ फसलों के प्रमुख कीट एवं उनके नियंत्रण की जानकारी दी, कृषि महाविद्यालय की ओर से सहायक प्राध्यापक राजेश्वरी कुर्रे ने फसलों के प्रमुख रोग एवं नियंत्रण के उपाय बताए साथ हि खाने योग्य एवं जहरीले प्राकृतिक मशरूम को पहचानने के तरीकों को बताया, डॉ प्रज्ञा पाण्डेय नें खरीफ फसलों के उचित प्रबंधन, डॉ परमेश्वर साहू नें फसलों की कीट एवं रोग प्रतिरोधी क़िस्म, डॉ पंकज भार्गव ने कीट प्रबंधन एवं डॉ रायसेन पाल ने खरीफ फसलों मे पोषक तत्त्वों के उचित उपयोग की जानकारी दी, पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशुपालन अधिकारी डॉ रामपाल टंडन नें पशुओं के विभिन्न रोगों की जानकारी देते हुए टिकाकरण की जानकारी दी कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी विरेन्द्र डहरिया ने कृषि विभाग की विभिन्न लाभकारी योजनाओं पर चर्चा की, कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक अंजली घृतलहरे नें प्राकृतिक खेती के घटकों जैसे- नीमास्त्र, आग्नेयास्त्र के उपयोग की सलाह दी ताकि नुकसान दायक रासायनिक दवाओं का उपयोग कम किया जा सकें, एंजिनियर डॉ अतुल डांगे ने खरीफ फसलों में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों एवं यंत्रीकृत खेती के लाभों को बताया एवं डॉ योगेंद्र श्रीवास नें किसानो की सामाजिक आर्थिक दशा में सुधार हेतु समन्वित फसल प्रणाली की जानकारी दी I