मनरेगा आयुक्त ने कार्यशाला का किया शुभारंभ, सभी जिलों के लोकपालों को दिया जाएगा प्रशिक्षण


रायपुर। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत नियुक्त लोकपाल अपीलीय प्राधिकरण के सदस्यों, लोकपालों और शिकायत निवारण समन्वयकों के लिए कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। मंगलवार को निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने किया। चार दिवसीय इस कार्यशाला में 10-11 अगस्त को 14 जिलों और 12-13 अगस्त को 13 जिलों के लोकपालों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान उन्हें मनरेगा के प्रावधानों एवं श्रमिक हितग्राही के अधिकार, लोकपाल के कार्य व दायित्व, मनरेगा के तहत शिकायत निवारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया , सामाजिक अंकेक्षण, सूचना का अधिकार अधिनियम, लोकपाल कार्यालय में शिकायत पंजीयन एवं निवारण और सामाजिक न्याय व प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की जानकारी दी जाएगी।
उद्घाटन सत्र में राज्य मनरेगा आयुक्त ने कहा कि सभी लोकपालों को भारत सरकार के जारी निर्देशिका के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करना है। इसके लिए मनरेगा के हर पहलू को समझने के साथ ही लोकपाल की भूमिका की भी गहन जानकारी जरूरी है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि लोकपाल का पद, पद न होकर एक संस्था है, जहां आपको नियमों एवं कानून के अनुसार शिकायतों का निराकरण करना है। लोकपाल की निष्पक्षता ही उसे संस्था का रूप देती है। लोकपाल योजना में पारदर्शिता को बढ़ाने की संस्था है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कार्यशाला मनरेगा और लोकपाल निर्देशिका की बारीकियों को समझने में प्रतिभागियों के लिए काफी मददगार होगा।
कार्यशाला में झारखंड के सोशल ऑडिट डायरेक्टर एवं पूर्व लोकपाल गुरजीत सिंह और राज्य मनरेगा कार्यालय के अपर आयुक्त अशोक चौबे भी मौजूद थे। कार्यशाला के पहले दो दिन 10 अगस्त और 11 अगस्त को रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, कबीरधाम, राजनांदगांव, कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली और जांजगीर-चांपा के लोकपालों व शिकायत निवारण समन्वयकों को और12 अगस्त व 13 अगस्त को रायगढ़, कोरिया, सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।