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शासकीय वाहन का दुरुपयोग, वाहन में चाय की चुस्की और सिगरेट पीने पहुंचे अधिकारी

शासकीय वाहन का दुरुपयोग, वाहन में चाय की चुस्की और सिगरेट पीने पहुंचे अधिकारी

कवर्धा। सरकारी गाड़ी का उपयोग निजी काम के लिए करना पूरी तरह गैर कानूनी माना गया है। लेकिन नियम कायदों को दरकिनार कर कबीरधाम जिले के कृषि विभाग में सरकारी वाहनों का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है। कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सरकारी वाहन क्रमांक CG 02 6937 लेकर जब चाय टपरी पहुंचे और टपरी में साहब ने चाय की चुस्की लिया और सिगरेट का धुआं उड़ाया। देखने वाली बात ये है कि अधिकारी अवकाश के दिन शासकीय वाहन में घूमते नजर आए। शनिवार को शासकीय कार्यालय में अवकाश था और अवकाश के दिन में शासकीय वाहन का उपयोग अधिकारी ने अपने निजी उपयोग में करते नजर आए।

वित्त विभाग के निर्देशों का पालन नहीं

शासकीय वाहन उपयोग करने के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग ने शासन के समस्त विभाग प्रमुखों, संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों एवं समस्त जिला कोषालय अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया था। वित्त विभाग के अवर सचिव द्वारा जारी पत्र क्रमांक 320 दिनांक 26 फरवरी 2002 के कंडिका क्रमांक 6.1 एवं 6.5 में यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अधिकारी शासकीय वाहन को शासकीय कार्य में ही उपयोग किया जायेगा और कार्य क्षेत्र के बाहर नहीं ले जाया जाएगा। वित्त विभाग के निर्देशों का खुली धज्जियां उड़ाई जा रही है। अधिकारी शासकीय वाहन को बतौर निजी वाहन के रूप में उपयोग में ला रहे हैं।

शासकीय वाहनों का होता है निजी उपयोग

जिले के कई विभागों में इस तरह के मामले मिल जायेंगे जहां शासकीय वाहनों का उपयोग निजी उपयोग के लिए किया जाता है। कई ऐसे अधिकारी है जो शासकीय वाहन का उपयोग अपने निजी कार्य जैसे अधिकारी के बच्चों को स्कूल लाना- लेजाना, पत्नी को ब्यूटी पार्लर छोड़ना, मार्केट में खरीददारी और पिकनिक के लिए उपयोग में लाया जाता है। कुछ ऐसे अधिकारी भी है जो छुट्टियों में अपने गृह जिले प्रवास पर या रिश्तेदारी में जाने के लिए शासकीय वाहन का उपयोग करते हैं।

डीजल व्यय के नाम पर शासन को लगाते हैं लाखों का चूना

शासकीय वाहनों को निजी उपयोग में लाना गैर कानूनी तो है ही साथ ही साथ वाहन के निजी उपयोग से शासन को लाखों का चूना भी लगता है। अधिकारी द्वारा शासकीय वाहनों के निजी उपयोग में हुए डीजल व्यय की भरपाई शासकीय कार्य में दौरा दिखाकर कर दिया जाता है। क्या इस पर जिला कलेक्टर संज्ञान लेंगे या पूर्व की भांति शासकीय वाहन को उपयोग में लाने और डीजल व्यय कर शासन के फंड का दुरुपयोग करने का छूट दे दिया जायेगा।

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