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मिशन अमृत सरोवर – धरती की प्यास बुझाने एक संकल्प

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

छुईखदान क्षेत्र में 21 अमृत सरोवर से लाखो क्यूबिक मीटर पानी अवशोषित होंगे, बुझेगी धरती की प्यास

खैरागढ़ 19 जुलाई 2025//  “जल है तो कल है”, इस सूक्ति वाक्य को आत्मसात करने शासन स्तर से निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी क्रम में केंद्र शासन की मिशन अमृत सरोवर भी एक है। बारिश के पानी को थामकर भूगर्भ में गहराई तक भेजने के लिए नदी और तालाब एक बड़ा माध्यम है। गांव मे तालाबो को तकनीकी मापदंड अनुसार संरक्षण किया जाए तो हजारों क्यूबिक मीटर पानी भू गर्भ में तेजी से अवशोषित करने में सहायक होते है, रिचार्ज करते हैं। ऐसे ही सरोवरो के प्रबंधन की कहानी विकासखंड छुईखदान मे मिशन अमृत सरोवर से निकल कर सामने आई है।

जनपद छुईखदान क्षेत्र मे 21 अमृत सरोवर बनकर तैयार हो गए हैं। शासन के गाइडलाइन अनुसार प्रत्येक अमृत सरोवर में कम से कम 10 हजार क्यूबिक मीटर पानी भराव क्षमता से बनाए गए हैं। तकनीकी मापदंड अनुरूप बने इन सरोवरो मे वर्षा जल संचयित हो रहा है। ये सरोवर भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

विकासखंड छुईखदान के ग्राम पंचायत पेंडरवानी मे भी चार एकड़ मे अमृत सरोवर तालाब का जीर्णोध्दार किया गया है। तालाब के संबंध में विस्तार से बताते हुए यहां की सरपंच श्रीमती दुलेश्वरी धुर्वे कहती है, तालाब मे गाद जमा हो जाने के कारण तालाब के जल धारण क्षमता मे कमी हो गयी थी। साथ ही बहुत सालो से तालाब की सफाई नही होने के कारण पानी इतना गंदा हो गया था, कि हवा के चलने पर इसकी बदबू दूर तक महसूस होती थी। पर अभी देखिए कितना सुंदर है यह तालाब और इसका पानी। इस तालाब ने गांव की अब दशा और दिशा ही बदल दी है। तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए ग्राम पंचायत ने ग्रामीणो की बैठक आयोजित की। वर्ष 2023-24 मे महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं अभिसरण से इस तालाब के जीर्णोद्धार हेतु कुल 9.99 लाख रूपये की राशि की स्वीकृति प्राप्त की गई। ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं की भागीदारी और मेहनत से ही इस तालाब का जीर्णोध्दार हुआ। इस कार्य से जहां 522 ग्रामीणों को सीधे रोजगार के अवसर प्राप्त हुए और 3526 रोजगार दिवस सृजित हुआ, वहीं गांव को जल संरक्षण का साधन भी उपलब्ध हो गया है। ग्रामीण जनों की भागीदारी से निर्मित अमृत सरोवर से गांव के भूजल स्तर मे वृद्धि हुई है। अब असमय वर्षा की चुनौती से निपटने के लिए अमृत सरोवर के रूप मे सिंचाई का एक स्थायी साधन मिल गया है। इस सरोवर से आसपास के लगभग 30 एकड़ खेत सिंचित होंगे। साथ ही इस सरोवर मे मछलीपालन भी किया जाना भी प्रस्तावित है।

क्या है मिशन अमृत सरोवर ?
जल संसाधनो के लगातार दोहन से पूरे देश मे भूजल स्तर की कमी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रही है। देश के ज्यादातर हिस्सों में भूजल स्तर की गिरावट को देखते हुए केंद्र सरकार अमृत सरोवर योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत न सिर्फ जल संरक्षण को बल मिला, बल्कि किसानों की आय भी तेजी से बढ़ोतरी हुई। किसान इन तालाब से सिंचाई और मछलीपालन दोनों का फायदा उठा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर तालाब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था।

मिशन अमृत सरोवर से जल संरक्षण को बढ़ावा – मिशन अमृत सरोवर से जल संरक्षण को सबल मिला है। इससे ग्राउंड वाटर रिचार्ज क्षमता में वृद्धि हुई है। भू-गर्भ जल वृद्धि के इस फार्मूले ने जल संरक्षण एवं पर्यावरणीय स्थिरता का रास्ता दिखाया है। इससे जल संरक्षण नीति को नई दिशा मिली है।

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