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आवारा मवेशियों के प्रबन्धन हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

खैरागढ़ 01 अगस्त 2025//

खैरागढ़- छुईखदान-गण्डई जिला में नगरीय एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र में आवारा मवेशियों से हो रही परेशानी के मद्देनजर जिला कलेक्टर  इन्द्रजीत सिंह चंद्रवाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय के सभा कक्ष में अधिकारियों एवं गौसेवा से जुड़े समाजसेवियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में समाजसेवी  लाल टारकेश्वर ख़ुसरो, भागवत शरण सिंह, जिला पंचायत के सीईओ, एडिशनल एसपी, एसडीएम, पशु चिकित्सा अधिकारी, जनपद सीईओ एवं सीएमओ उपस्थित थे।

अधिकारियों के द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में प्रत्येक ग्राम में चरवाहा की व्यवस्था की जा रही है। मवेशियों को रात में घर में बांध कर रखने के लिए सख्ती की जा रही है। अन्य ग्राम से आवारा मवेशी छोड़ने वालों की निगरानी की जा रही है। मुख्य सड़क में बैठने वाले पशुओं को हटाने के लिए कर्मचारी लगाए जा रहे हैं। कांजीहाउस को ठीक करके पशु को रखा जाएगा। चारा दान कराने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ ग्राम में आवारा पशु को सार्वजनिक स्थल पर रखने की अस्थाई व्यवस्था की गई है।

समाजसेवी भागवत शरण सिंह ने बताया कि खैरागढ़ में तीन गौशाला संचालित हैं जिनमे क्षमता के अनुरूप मवेशी रखे गए हैं, जिनके लालन पालन में काफ़ी खर्च होता है। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित शामिलात चारागाह एवं घास भूमि को पशु को रखने के लिए उपयोग किया जा सकता है। लाल टारकेश्वर ख़ुसरो ने बताया की गण्डई में जनसहयोग से सौ से अधिक पशु का देखभाल किया जा रहा है। उनके अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के लोग रात में नगरीय क्षेत्र में पशु छोड़कर चले जाते हैं।

कलेक्टर श्री चन्द्रवाल के द्वारा उपस्थित अधिकारियों को निजी एवं आवारा पशु दोनों के तात्कालिक प्रबंधन के लिए सख्त निर्देश दिए गए। उन्होंने निजी पशुओं के लिए प्रत्येक ग्राम में अनिवार्य रूप से चरवाहा रखने के निर्देश दिए। साथ ही कांजीहाउस को तत्काल क्रियाशील करके आवारा मवेशियों को रखने कहा। सीमावर्ती ग्रामों में पशु निगरानी समिति गठित किया जावे। आगामी ग्राम सभा में पशु प्रबन्धन पर अनिवार्य रूप से चर्चा किया जावे। आगामी दिनों में पशुओं की पहचान हेतु रेडियम टैग लगाया जावे। खरीफ सीजन के धान का पैरा इकट्ठा करने हेतु बेलिंग मशीन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। निजी मवेशियों को खुले में छोड़ने वालों को समझाईस दी जाए। उसके बाद भी पशु को खुला में छोड़ने पर जुर्माना लगाया जावे। पुलिस विभाग को लगातार गस्त करके पशु को एक जगह से दूसरी जगह छोड़ने वाले अथवा अन्य जिला से इस जिला में लाने वालों पर कड़ाई से कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए।

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