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Lockdown 3.0: आरोग्‍य सेतु एप डाउनलोड न करना माना जाएगा अपराध, नोएडा पुलिस ने जारी किया आदेश

Not having Aarogya Setu app to be a punishable offence in Noida

नोएडा। लोगों को अपने स्‍मार्टफोन में आरोग्‍य सेतु एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्‍साहित करने के लिए नोएडा पुलिस ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि आरोग्‍य सेतु एप को इंस्‍टॉल न करना एक दंडनीय अपराध माना जाएगा और इसके लिए लॉकडाउन नियमों के उल्‍लंघन के तहत कार्रवाई की जाएगी।

गौतम बुद्ध नगर के एडिशनल डीसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) आशुतोष द्विवेदी के हस्‍ताक्षर वाला यह आदेश 3 मई को जारी किया गया है। इसमें लिखा है साार्वजनिक स्‍थलाेें पर आने वाले प्ररत्‍येक नागरिक के लिए अपने स्‍मार्टफोन में आरोग्‍य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य है। यदि स्‍मार्टफोन यूजर्स सार्वजनिक स्‍थानों पर जाते हैं और उनके फोन में आरोग्‍य सेतु एप डाउनलोड नहीं पाया जाता है तो इसे लॉकडाउन नियमों के उल्‍लंघन के तहत एक दंडनीय अपराध माना जाएगा। नोएडा पुलिस ने सार्वजनिक स्‍थानों पर आने वाले लोगों के लिए मास्‍क पहनना और स्‍मार्टफोन में आरोग्‍य सेतु एप इंस्‍टॉल करना अनिवार्य किया है। इसके अलावा पुलिस ने सार्वजनिक स्‍थलों पर थूकने पर भी पाबंदी लगाई है।

सूत्रों के मुताबिक पुलिस कर्मचारी सार्वजनिक स्‍थानों पर अचानक लोगों के स्‍मार्टफोन चेक करेगी और यह देखेगी कि उन्‍होंने आरोग्‍य सेतु एप डाउनलोड किया है या नहीं। हालांकि आदेश में यह स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है कि जिनके पास स्‍मार्टफोन नहीं है, उनके खिलाफ क्‍या कार्रवाई होगी।

नोएडा पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, उन लोगों को जो स्‍मार्टफोन में बिना एप के पकड़े जाएंगे उन्‍हें भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत 6 माह तक की जेल हो सकती है। नोएडा पुलिस ने जिले में धारा 144 को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया है।

यह एप 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्‍ध है और इसमें यूजर्स को अपनी व्‍यक्तिगत जानकारी भरनी होती है। इसमें हाल ही में की गई यात्रा के बारे में पूछा जाता है। इसके अलावा इसमें यूजर्स से वायरस के लक्षणों जैसे बुखार, खांसी, जुकाम और सांस लेने में समस्‍या जैसे सवाल भी पूछे जाते हैं। सारा विवरण उपलब्‍ध कराने के बाद एप उत्‍तरों का परीक्षण करने के बाद हेल्‍थ स्‍टेट्स बताता है।  

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