विचाराधीन बंदियों को दी गई विधिक जानकारी


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर व अध्यक्ष सुषमा सावंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार सचिव भूपत साहू और तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा आज विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन उप जेल खैरागढ़ में किया गया। जहां जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश मोहनी कंवर द्वारा उप जेल में रह रहे विचाराधीन बंदियों को एनडीपीएस एक्ट के संबंध में बताया गया कि
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट या एनडीपीएस अधिनियम नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों के भंडारण, उपभोग, परिवहन, खेती, कब्ज़ा, बिक्री, खरीद और विनिर्माण को विनियमित करने के लिए एक व्यापक कानून है। आगे प्ली बारगेनिंग के संबंध में बताया कि
किसी व्यक्ति द्वारा किया गया ऐसा अपराध जिसकी सजा 7 साल या उससे कम है या अभियुक्त ने पहली बार अपराध किया है वह अपनी सजा कम करने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर सजा में सौदेबाजी कर सकता है. छोटे अपराधों में पीड़ित और अभियुक्त आपसी सामंजस्य से सौदेबाजी कर सकते हैं.

अगर कोई आरोपी अपनी गलती स्वीकार करता है तो उसे कम सजा दी जाती है. लेकिन प्ली बारगेनिंग का लाभ किसी भी विचाराधीन आरोपी को एक बार ही मिल सकता है
आगे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्याम कुमार साहू ने नि:शुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता के संबंध में बताया कि यह कानून निःशुल्क विधिक सहायता को मूर्तरूप देता है। यह कानून वैसे व्यक्ति जो निर्धनता या जाति, पंथ या लिंग संबंधी संवेदनशीलता के कारण कोई मामला दर्ज करने या मामले का बचाव करने के लिए एक वकील की सेवा लेने में समर्थ नहीं हैं, को कानूनी सहायता प्रदान करता है ताकि न्यायालय में उन्हें भी वकील की सेवा मिल सके।

जो विचाराधीन बंदी अपने वेयर से अधिवक्ता नियुक्त करने में समर्थ नहीं हैं वह अपना एक आवेदन ताल्लुक विधिक सेवा समिति में द्वारा द्वारा जेल अधीक्षक के माध्यम से समिति में अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं जहां से आप को आप के केस में पैरवी करने हेतु अधिवक्ता निशुल्क नियुक्त किया जाता है
आगे जुडिशल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास आकांक्षा खलखो ने
विचाराधीन बंदियों के अधिकारों के बारे में बताया कि कानून के मुताबिक किसी भी शख्स को तब तक गुनाहगार नहीं माना जा सकता जब तक कि कोर्ट आरोपी को दोषी नहीं मानता। जब भी किसी शख्स के खिलाफ कोई आरोप लगाया जाता है तो वह आरोपी होता है और जब उक्त शख्स का केस अदालत के सामने आता है तब उसका यह संवैधानिक अधिकार है कि उसे अपने बचाव का मौका मिले।
आगे पैरालीगल वालंटियर गोलूदास साहू द्वारा 13 सितम्बर 2025 को आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के बारे में बताया गया, आगे डीजे कंवर द्वारा विचाराधीन बंदियों का हालचाल पूछा गया और उनके स्वास्थ्य के बारे में भी जाना गया साथ ही उनकी समस्याओं को भी सुना गया और बंदी बैरक, वीसी कक्ष, पाक शाला का भी निरीक्षण किया ।
उक्त शिविर में जेल अधीक्षक योगेश कुमार बंजारे, बिरेंद्र चंद्राकार प्रभारी पुलिस चौकी जाल बांधा,पीएलवी गोलूदास साहू, एवं सिपाही प्रेम सागर साहू, , जसवंत कुमार नायक, और विचाराधीनबंदी उपस्थित थे|