ChhattisgarhKabirdham

छत्तीसगढ़ में आर्थिक आपातकाल लगाने हेतु,जोगी कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम सौपा ज्ञापन

चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 360 के अंतर्गत प्रदाय शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य में आर्थिक-आपातकाल घोषित करे- सुनील केशरवानी

कोरोना की दूसरी लहर के चुनौती का सामना नही कर पा रही छत्तीसगढ़ सरकार- सुनील केशरवानी

कवर्धा : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी कबीरधाम के जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी ने बताया कोरोना की दूसरी लहर की चुनौती का सामना करने में छत्तीसगढ़ शासन पूरी तरह से विफल है। अतः प्रदेश के चुनाव आयोग द्वारा एकमात्र मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दल होने के नाते, हम आपसे आग्रह करते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 360 के अंतर्गत आपको प्रदाय शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य में आर्थिक-आपातकाल घोषित करने की असीम कृपा करें ताकि घोर प्रशासनिक लापरवाही के कारण लाखों प्रदेश वासियों के जीवन को बचाया जा सके।

साथ ही राज्य सरकार की इस लापरवाही का सबसे पुख़्ता प्रमाण यह है कि जहाँ अप्रेल 2021 में भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 45 साल के अधिक आयु वर्ग, स्वास्थ्य कर्मियों और प्रथम-पंक्ति कर्मचारियों के लक्षित समूहों को 70 लाख टीके की खुराक लगाई गई थी, वहीं मई 2021 में राज्य शासन प्रदेश के 1.51 करोड़ 18-44 वर्षीय आयु वर्ग के लक्षित समूह को इसका मात्र 3.6%- 2.50 लाख- टीके की खुराक ही लगा पाई है। इसमें भी राज्य सरकार द्वारा निम्नस्तरीय वोट-बैंक की राजनीति के आधार पर, संविधान के अनुच्छेद 14 और 21, जिनके अंतर्गत भारत के हर नागिरक को जीने का सामान मौलिक अधिकार प्राप्त है, के विपरीत भेदभाव की नीति अपनाई गई थी जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने हमारे दल के अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए रद्द कर दिया है।

शहर अध्यक्ष बोड़ला से वसीम सिद्क्की ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप का प्रमुख कारण राज्य शासन द्वारा राजधानी रायपुर में मार्च 2021 में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता के आयोजन करने और कोरोना-संक्रमित पड़ोसी राज्यों के साथ बॉर्डर सील न करने के ग़ैर-वैज्ञानिक निर्णय हैं जिसके कारण प्रदेश के लाखों लोग कोरोना के घातक B.1.617 स्ट्रेन से संक्रमित हो गए हैं। राज्य सरकार का माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष दिया गया तर्क कि उसके पास टीके की खुराक का अभाव है, उसकी नीति और नियत दोनों पर गम्भीर सवाल खड़ा करता है।
जेसीसीजे कवर्धा नगरपालिका अध्यक्ष हिमांशु महोबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के डेढ़ करोड़ युवाओं के लिए 3 करोड़ टीके की खुराक ख़रीदने की लागत मात्र ₹ 900 करोड़ है जबकि राज्य शासन मात्र शराब की बिक्री से सालाना इससे 6 गुना अधिक ₹ 7000 करोड़ राशि आबकारी शुक्ल के रूप में प्राप्त करता है। इसमें से अभी तक मात्र 0.17%- ₹ 12.50 करोड़- का ही उसके द्वारा टीका ख़रीदने में व्यय किया गया है।
जोगी छात्र संघ जिलाध्यक्ष रंजीत वर्मा ने बताया कि कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोकने में भी राज्य सरकार पूरी तरह नाकाम है। पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर से अधिकांश गरीब और ग्रामीण तबके के लोग, जो कि प्रदेश की 75% जनसंख्या हैं, संक्रमित हो रहे हैं। जहाँ आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, केरल और तमिल नाडु जैसे क्षेत्रीय-दल शासित राज्यों ने स्वयं के संसाधनों से सभी वर्गों के कोरोना-संक्रमितों का निशुल्क उपचार कराने की घोषणा कर दी है, वहीं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ऐसी सुविधा न देना प्रदेश के लाखों ग़रीबों और ग्रामीणों को सही और सामयिक उपचार के अधिकार से वंचित कर रहा है। इस संदर्भ में आपको यह भी जानकारी देना आवश्यक है कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में 80% से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के पद रिक्त हैं और प्रदेश सरकार द्वारा संचालित किसी भी प्राथमिक अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना संक्रमण की जाँच और उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है।
उपरोक्त परिपेक्षय में हम आपके समक्ष पाँच-सूत्रिय माँग पत्र प्रेषित करते हैं-

1. बिना किसी भेदभाव और अभाव के 18-44 आयु के लक्षित समूह के टीकाकरण की सम्पूर्ण जवाबदारी भारत सरकार ले।
2. ‘आयुष्मान भारत योजना’ के अंतर्गत सभी नागरिकों का अपनी पसंद के उपचार केंद्रों में कोरोना का निशुल्क इलाज कराने की व्यवस्था की जाए।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य-कर्मियों के अभाव की पूर्ति हेतु पुनः स्वर्गीय श्री अजीत जोगी द्वारा शुरू किए गए त्रिवर्षीय ग्रामीण चिकित्सक पाट्यक्रम को प्रारम्भ करके ‘जोगी डॉक्टरों’ और आशा (मितानिन) कर्मियों को नियमित करके पूर्ति की जाए।
4. समस्त स्वास्थ्य एवं प्रथम-पंक्ति कर्मियों का ₹ 1 करोड़ का जीवन बीमा तथा ₹ 15000 मासिक प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाए।
5. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में AIIMS की तर्ज़ पर भारत सरकार द्वारा सर्व-सुविधा पूर्ण तृतीय स्वास्थ्य-उपचार एवं RTPCR और Gene-sequencing परीक्षण केंद्र स्थापित किए जाएँ।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़- जोगी आपसे उपरोक्त पाचों माँगों की समायिक पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ में संविधान के अनुच्छेद 360 के अंतर्गत आर्थिक-आपातकाल लागू करने का अध्यादेश अविलंभ जारी करने का निवेदन करती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page