अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : सीएम भूपेश ने किया नारी शक्ति को सलाम, धरती से लेकर आसमान तक बेटियों की धमक, दूरस्थ अंचलों में भी महिलाएं हो रही है आत्मनिर्भर


रायपुर : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। सीएम बघेल ने अपने सम्बोधन भाषण का शुरुआत करते हुए नारी शक्ति को सलाम करते हुए कहा कि देश को भारतमाता कहते हैं, और प्रदेश को छत्तीसगढ़ महतारी कहा जाता है। साथ ही छत्तीसगढ़ कौशल्या माता की नगरी है। वहीं उन्होंने छतीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता, तीजनबाई, फूलबासन बाई, ममता चंद्राकर सहित कई महिलाओं की प्रदेश में विशेष भूमिका होना भी बताया। प्रदेश व देश की बेटियों की धमक अब धरती से लेकर आकाश तक हो गई है।
महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर सीएम बघेल ने कहा कि बेटी, बहु और माताएं कमजोर होंगी तो परिवार कमजोर होगा। इसलिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की है। महिलाओं को स्वास्थ्य की समस्या बताने में कई बार संकोच होती है, इसलिए दाई दीदी क्लीनिक योजना का शुभारंभ किया गया है। जिसमें डॉक्टरों से लेकर सभी कर्मचारी महिला होंगे। इस संबंध में इसके सख्ती से क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। शिक्षा के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोला जा रहा है। दंतेवाड़ा जैसे आदिवासी क्षेत्र में महिलाओं के समूह ने कपड़े की फैक्ट्री का निर्माण किया है, जिससे कुटीर उद्योग व ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिल रहा है।
महिला शिक्षा पर जोर देते हुए सीएम बघेल ने कहा छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिलाओं की संख्या भी अधिक हैं। बेटियों को ज्यादा पढ़ाना चाहिए, इसलिए हमने बेटियों की 12वीं तक की शिक्षा निःशुल्क की है। महिलाओं की आय बढ़ाने को लेकर सीएम ने कहा कि 20 लाख महिलाओं को स्वसहायता समूह से जोड़ने में हम सफल हुए है। इससे महिलाओं की आय में लगातार वृध्दि हो रही है। लाख, कोदो-कुटकी, शहद की खेती कर बस्तर के दूरस्थ अंचलों में भी महिलाएं बेहतर काम कर रही हैं, मेरी लोगों से अपील है कि लैंगिक विषमता को दूर करना चाहिए। स्वयं के बारे में निर्णय लेने की क्षमताओ के साथ बेटियां को तैयार करना होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज के दिन महिलाओं में विशेष उत्साह देखने मिला, आज ही विधानसभा में मुझे एक विधायक ने कहा कि सिर्फ महिलाओं का दिवस होता है पुरुषों का कोई दिवस नहीं होता, जिसकी बधाई. छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी महिलाओं की संख्या अधिक हैं. बेटियों को ज्यादा पढ़ाना चाहिए, इसलिए हमने 12वीं तक निःशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था की है.
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव डॉ. रश्मि आशीष सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, जनप्रतिनिधिगण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।