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अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश — चार आरोपी गिरफ्तार, चोरी की हाईवा, दो बाइक, एक कार एवं चार मोबाइल जब्त

शातिर गिरोह अलग अलग राज्यों से अब तक लगभग 35 वाहन चोरी कर चुका है


आरोपियों से कुल ज़ब्त मशरुका की अनुमानित कीमत – 41 लाख 60 हजार रुपये

कबीरधाम जिले में मिल रही वाहन चोरी की सूचनाओं के बीच पुलिस ने सतर्कता, त्वरित कार्रवाई और आधुनिक तकनीकी विश्लेषण के बल पर एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह को बेनकाब कर दिया है। इस कार्रवाई में न केवल चार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, बल्कि चोरी गई दो हाईवा, दो बाइक, एक कार एवं चार मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं। दिनांक 12-13 अप्रैल 2024 की रात कबीरधाम जिला मुख्यालय से एक हाईवा वाहन चोरी हो गया था। वाहन के मालिक द्वारा थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जिस पर पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS) के निर्देशन में तत्काल थाना कोतवाली एवं साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई।


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह बघेल एवं  पंकज पटेल के मार्गदर्शन और एसडीओपी बोड़ला अखिलेश कौशिक एवं एसडीओपी कवर्धा कृष्ण कुमार चंद्राकर के नेतृत्व में इस गंभीर अपराध की जांच में जुटी टीम ने तेजी से कार्य प्रारंभ किया। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण में यह सामने आया कि चोरी गई हाईवा को पंजाब ढाबा के समीप स्थित पेट्रोल पंप में डीज़ल भरवाते हुए देखा गया था पेट्रोल पंप से निकलकर जाने वाले सभी संभावित अंतर्राजीय मार्गों में खोजबीन के लिए जिला पुलिस की 10 अलग अलग टीम तैयार की गई जिनके द्वारा आरोपियों के भागने के मर्ग का पता लगाया. अन्य राज्यों की साइबर टीमों से संपर्क कर चोरी की वारदात के संभावित गैंग की पहचान की गई इनके पीछे सर्विलांस सिस्टम को तैनात किया गया
पुलिस द्वारा शहर के होटलों, लॉजों, ढाबों एवं बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही की सतत निगरानी की गई। सम्पूर्ण जांच से यह उजागर हुआ कि गिरोह हरियाणा के मेवात क्षेत्र से सक्रिय है तथा पूर्व में छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में वाहन चोरी की घटनाओं में लिप्त रहा है। दिनांक 21 अप्रैल को जैसे ही संदेहियों ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया कबीरधाम पुलिस को पता चल गया तथा पुलिस को आशंका हुई कि गिरोह पुनः चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला है। संभावित खतरे को देखते हुए पूरे जिले में विशेष निगरानी दलों की तैनाती की गई तथा सादी वर्दी में पुलिस बल को सतर्क किया गया। सभी प्रमुख मार्गों पर नाकेबंदी कर हर संदिग्ध वाहन एवं व्यक्ति पर नजर रखी गई। 22-23 अप्रैल की रात लगभग दो बजे जबलपुर रोड पर एक हाईवा वाहन संदेहास्पद स्थिति में दिखाई दी। पुलिस को देख चालक वाहन को छोड़कर खेतों की ओर भाग निकला। तड़के लगभग साढ़े चार बजे घुक्सा गांव में दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा एक ग्रामीण की बाइक जबरन छीनकर भागने की सूचना प्राप्त हुई।
पुलिस द्वारा लगातार पीछा करते हुए खेतों की घेराबंदी की गई, जिसके परिणामस्वरूप रम्हेपुर स्थित शक्कर कारखाना के पीछे खेतों में छिपे दो व्यक्तियों उजेर खान एवं मुसेद खान को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने 12 अप्रैल को चोरी हुई हाईवा को गुजरात ले जाकर बेचने की जानकारी दी तथा यह भी स्वीकार किया कि 22 अप्रैल की रात उन्होंने बेमेतरा से एक और हाईवा चोरी की है जिसे कवर्धा होते हुए किसी अन्य स्थान पर ले जा रहे थे।
आरोपियों ने अपने साथियों समीम खान एवं जमील खान का भी नाम उजागर किया, जिनका कार्य फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से वाहनों को उत्तर भारत के अन्य राज्यों में बेचना था। फरार आरोपियों की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए पुलिस ने रायपुर से समीम एवं जमील को भी गिरफ्तार कर लिया है। वहीं गिरोह का एक अन्य सदस्य रोशन खान अभी भी फरार है जिसकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है। पुलिस द्वारा अब तक जो संपत्ति जब्त की गई है, उसमें बेमेतरा से चोरी गई हाईवा की कीमत लगभग तीस लाख रुपये, चोरी में प्रयुक्त कार की कीमत लगभग दस लाख रुपये, रायपुर से चोरी गई बाइक की कीमत पचास हजार रुपये, घुक्सा से लूटी गई बाइक की कीमत पचास हजार रुपये तथा चार मोबाइल फोन
जिनकी कुल कीमत लगभग साठ हजार रुपये आंकी गई है।
इस प्रकार कुल जब्ती की अनुमानित कीमत 41 लाख 60 हजार रुपये है।
आरोपियों द्वारा बेमेतरा से पूर्व विधायक श्री आशीष छाबडा जी के भोइनाभाठा बेमेतरा स्थित डामर प्लांट के यार्ड से हईवा चुराई ली. यह गिरोह सुनियोजित तरीके से फर्जी दस्तावेजों पर वाहनों की बिक्री करता था। इनकी गतिविधियाँ हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और छत्तीसगढ़ तक फैली हुई हैं। चोरी गई पहली हाईवा की बरामदगी हेतु पुलिस की पाँच विशेष टीमें अलग-अलग राज्यों में रवाना की गई हैं, जिनमें थाना कोतवाली के अधिकारी एवं साइबर सेल के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं।
इस संपूर्ण कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक श्री लालजी सिन्हा, उप निरीक्षक रजनीकांत दीवान, सउनि राजकुमार चंद्रवंशी, दर्शन साहू, सुरेश जायसवाल, प्रधान आरक्षक खूबी साहू, आरक्षक बलीराम महोबिया एवं अन्य स्टाफ की भूमिका सराहनीय रही।
साइबर विश्लेषण में निरीक्षक मनीष मिश्रा, सउनि चंद्रकांत तिवारी, आरक्षक संदीप शुक्ला एवं लेखा चंद्रवंशी का तकनीकी योगदान महत्वपूर्ण रहा। डीआरजी के जवानों ने भी घेराबंदी एवं सर्च ऑपरेशन में सक्रिय भूमिका निभाई।

गिरफ्तार आरोपी निम्नानुसार हैं:

  1. मोहम्मद उजेर उर्फ उज्जी खान, उम्र 27 वर्ष, निवासी सिंगार, थाना बिछोर, जिला नूह, हरियाणा
  2. मुसेद खान, उम्र 20 वर्ष, निवासी ग्राम बामनी, थाना जुरहेरा, जिला भरतपुर (डीग), राजस्थान
  3. मोहम्मद समीम उर्फ छोटा काला, उम्र 32 वर्ष, निवासी पल्ला चौकी नरहर, थाना नूह, जिला नूह, हरियाणा
  4. जमील खान, उम्र 58 वर्ष, निवासी ग्राम राजाका, थाना नगीना, जिला नूह, हरियाणा

कबीरधाम पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि जिले में अपराध की कोई भी योजना, चाहे वह कितनी भी सुनियोजित क्यों न हो, पुलिस की सतर्क निगाहों से बच नहीं सकती। यह कार्रवाई कबीरधाम पुलिस की सजगता, निरंतर मेहनत, आधुनिक तकनीकी दक्षता एवं पेशेवर प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

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