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भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में युवा सेवा संघ के सदस्यों ने वितरण किए चना प्रसादी

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में युवा सेवा संघ के सदस्यों ने वितरण किए चना प्रसादी

कवर्धा। जगन्नाथ भगवान हिंदु धर्म के चार धामों में जगन्नाथ पुरी का बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु रामेश्वरम में स्नान, द्वारका में शयन, बद्रीनाथ में ध्यान और पुरी में भोजन करते हैं।

हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से ये यात्रा शुरू होती है। रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीन अलग-अलग रथ होते हैं। इन रथों पर भगवान विराजित होते हैं और यात्रा पर निकलते हैं।

कवर्धा नगर में भी प्रत्येक वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बड़े धूमधाम से निकाला जाता है। इस शुभ अवसर पर पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू के द्वारा प्रेरित श्री योगदान सेवा समिति एवं युवा सेवा संघ कवर्धा के द्वारा कवर्धा के हृदय स्थल यह जाने वाले सिग्नल चौक में हजारों श्रद्धालुओं के लिए चने की प्रसादी एवं शरबत की व्यवस्था की गई थी।

ऐसी मान्यता है कि जो भी इस यात्रा में शामिल होता है, उसके सारे कष्ट सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। रथ खींचने को लेकर भी अलग-अलग धारणाएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति भगवान के रथ को खींचते हैं, उसे 100 यज्ञ करने के फल मिलता है। साथ ही इस यात्रा में शामिल होने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।

इस रथ को गरुड़ध्वज, कपिध्वज या नंदीघोष कहा जाता है। इसमें 16 पहिए होते हैं व ऊंचाई साढ़े 13 मीटर तक होती है। लाल और पीले रंग का लगभग 1100 मीटर कपड़ा रथ को ढंकने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस रथ को बनाने में 832 लकड़ी के टुकड़ों का उपयोग किया जाता है।

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 192 देशों में मनाई जाती है, जो महाद्वीपों में फैली हुई है, जो संयुक्त राष्ट्र के कुल सदस्य राज्यों के बराबर है।

युवा सेवा संघ के सदस्यों के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए प्रसादी वितरण में सम्मिलित सदस्यों में प्रमुख रुप से श्री योग वेदांत सेवा समिति कवर्धा के कोषाध्यक्ष गणेश साहू जी, युवा सेवा संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तोकेश्वर एवं उदय राजपूत बाल संस्कार प्रभारी आकाश राजपूत, कोमल निर्मल, कौशल तारम, रिखि तारम, सनत पटेल अमेरिका साहू महेंद्र लांझी सहित दर्जनों सेवाधारी उपस्थित रहे।

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