ChhattisgarhKabirdhamUncategorizedखास-खबर

कवर्धा: ग्राम कोइलारीकापा में के नाबालिग बालिका की गुपचुप तरीके से शादी कराने की सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को मिली।

नाबालिग की गुपचुप करा रहे थे शादी, पहुच गई प्रशासन की टीम

कवर्धा, 21 मई 2021। ग्राम कोइलारीकापा में के नाबालिग बालिका की गुपचुप तरीके से शादी कराने की सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को मिली। जिस पर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, महिला सेल पुलिस एवं ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सदस्यों की टीम ने संयुक्त रूप से बालिका के घर जाकर बालिका की शैक्षणिक अंकसूची का परीक्षण करने पर बालिका की आयु 17 वर्ष 10 माह पाया गया, जो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत् विवाह योग्य उम्र से कम है। टीम द्वारा बालिका की विवाह 18 वर्ष होने के पश्चात विवाह करने के लिए बालिका एवं उनके परिजनो को समझाइस दिया गया।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी बाल विकास सेवा परियोजना पण्डरिया श्री राजेन्द्र गेंदले ने मैके पर उपस्थित लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 21 वर्ष कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है बाल विवाह जैसे सामाजिक बुराई को समाज से समूल समाप्त करने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह करने या कराने वाले बर एवं बधु के माता-पिता सगे संबंधी, बराती यहां तक पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है इसमें कड़ी सजा का भी प्रवाधान जो 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना हो 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
पुलिस विभाग के महिला सेल प्रभारी श्रीमती रमा कोष्टी ने लोगों को बताया की बाल विवाह केवल एक समाजिक बुराई ही नही अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शारीरिक दुर्बलता, शिक्षा का अभाव, मानसिक विकास में रूकावट, हिंसा व दुर्व्यवाहर, समयपूर्व गर्भवस्था, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है, इसलिए इससे बचे। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने लोगो को कोविड-19 गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने तथा कोविड-19 संक्रमण से अनाथ बेसहारा हुये बच्चो अथवा जिनके माता-पिता कोविड-19 से संक्रमित हो या अस्पताल में हो और बच्चों का देखरेख करने में असमर्थ हो जिन्हे आश्रय की आवश्यकता हो ऐसे बच्चों की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को देने अपील किया साथ हि लोगो को जाकरूक करने के लिए पाम्पलेट बटवाये और विभिन्न स्थानो में चस्पा भी कराये। जिससे ऐसे बच्चों को बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आश्रय संरक्षण प्रदान किया जा सके। दोनो पक्षो को समझाइस देने के बाद नाबालिक बालिका व परिवार जनो ने शादी रोकने सहमति दी जिस पर बाल विवाह रोकथाम दल ने विवाह स्थल पर पंचनामा एवं घोषणा पत्र तैयार कर बाल विवाह रूकवाया। बाल विवाह रोकथाम के दौरान राजेन्द्र गेंदले, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना पण्डरिया, श्रीमती रमा कोष्टी प्रभारी महिला सेल पुलिस, सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्रीमती भारती पाल पर्यवेक्षक, सुरेश साहू, सामाजिक कार्यकर्ता जिला बाल संरक्षण इकाई, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सभी सदस्य एवं थाना पण्डातराई की टीम उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page