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पीडीएस चावल बेचने-खरीदने के अपराध में पकड़े जाने पर मिलने वाली सजा में सशोधन, जाएंगे 7 साल के लिए जेल

दुकानदारों पर कार्रवाई के लिए किया गया प्रावधान। राजपत्र में किया गया संसोधन। खाद्य नागरिक अपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय नवा रायपुर द्वारा 17 दिसंबर 2021 को असाधारण राजपत्र क्रमांक 627 के मध्यम से संसोधन किया गया है। एपीएल और बीपीएल हितग्राहियों वितरित राशन खरीदने वाले दुकानदारों और बिचौलियों को अब 7 साल तक की सजा हो सकेगी। पढ़िए पूरी ख़बर..

पीडीएस चावल बेचने-खरीदने के अपराध में पकड़े जाने पर मिलने वाली सजा में सशोधन, जाएंगे 7 साल के लिए जेल

गरियाबंद: शासकीय राशन दुकानों से उचित मूल्य में जो चावल कार्डधारियों को दिया जा रहा है। कार्डधारी उसे यदि बेच रहे है तो यह अपराध है। वहीं पीडीएस के राशन को खरीदने वाला खरीददार भी अपराधी होगा। इस प्रकार का राशन को खरीदकर सरकार के उद्देश्य या उसके नियम का उल्लंघन ही है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। जिले में सरकार द्वारा बीपीएल के अलावा एपीएल हितग्राहियों को राशनकार्ड जारी किया गया है। अधिकांश कार्ड धारकों द्वारा पीडीएस की दुकान से चावल लेने के बाद बिचौलियों को बेच दिया जाता है। ऐसे में बिचौलिया दुकानों के आसपास ही सक्रिय रहते है। जो बिचौलिया या दुकानदार राशनकार्ड धारकों के सामग्री को खरीदेगा उसके खिलाफ भी छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिसमे 7 साल तक की अधिकतम सजा का प्रावधान है। राज पत्र में किया गया संशोधन खाद्य नागरिक अपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय नवा रायपुर द्वारा 17 दिसंबर 2021 को असाधारण राजपत्र क्रमांक 627 के मध्यम से संशोधनकिया गया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शासकीय उचित मल्य की दुकानों से कार्डधारियों या संस्थाओं को मिलने वाला चावल। शक्कर। नमक और केरोसीन जैसे खाद्य पदार्थ शामिल है। उसे केवल हितग्राही ही इस्तेमाल कर सकेंगे। इसे बाजार में न तो कोई हितग्राही बेच सकता है और न ही किसी को दे सकता है। किसी को खरीदते पाये जाने पर दुकानदारों पर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।

एपीएल हितग्राहियों को कार्ड दिया गया चावल खरीदने वाले बिचौलियों पर की जाएगी कार्रवाई। सरकार द्वारा बीपीएल के अलावा एपीएल हितग्राहियों को राशनकार्ड जारी किया गया है। अधिकांश कार्ड धारकों द्वारा पीडीएस की दुकान से चावल लेने के बाद बिचौलियों को बेच दिया जाता है। ऐसे में बिचौलिया दुकानों के आसपास ही सक्रिय रहते है।

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