कवर्धा-शहर में धारा 144 और कर्फ्यू के बीच शहर वासियों ने पुलिस की सुरक्षा में असत्य पर सत्य का विजय दिवस मनाते हुए नगर पालिका ग्राउंड में रावण दहन कर सैकड़ों की भीड़ ने शांतिपूर्वक विजयदशमी का पर्व मनाया । शहर में 03 अक्टूबर को दो गुटों के बीच विवाद के बाद जिला प्रशासन ने धारा 144 और कर्फ्यू लागू कर दिया है जिसके चलते शहर में विजयदशमी के पर्व पर लगने वाले दुकान बाजार बंद रहे,
इस बार शाही नहीं, सादा दशहरा
कवर्धा शहर में विजयादशमी शाही दशहरा के नाम से प्रचलित है क्योंकि यहां पर आज भी राज परिवार की राजा योगेश्वर राज सिंह व राजकुमार मैकलेश्वर राज सिंह शाही सवारी में शहर भ्रमण कर लोगों का अभिवादन करते हैं। हजारों लोग राजा व राजकुमार से भेंट-मुलाकात करते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ । इस बार राजा राजकुमार की शाही सवारी राजमहल से केवल सरदार पटेल मैदान तक पहुंची। वही सादे रूप से बिना गीत संगीत ही राम, लक्ष्मण हनुमान का वेश धारण किए बालक रथ पर सवार होकर मैदान पहुंचे और रावण दहन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
मगर लोगों की उत्सुकता ने पुलिस को दरकिनार कर रोकटोंक की बेड़ियां पार करते हुए शहर में सैकड़ों की संख्या में रावण दहन में लोग शामिल हुए ।
वहीं पुलिस ने भी बगैर रोकटोंक के लोगों के इस उत्सुकता का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से व्यवस्था बनाये रखा जहां लोगों की भीड़ ने रावण दहन के बाद अपने-अपने घरों के लिए वापस हो गए ।
उत्सव गांव में खूब आतिशबाजी
जिला प्रशासन द्वारा दशहरा को किसी तरह से और कितनी भीड़ में मनाने आदेश जारी किया। इसमें कई तरह पाबंदी थी बावजूद गांव में लोगों ने उत्साह व उमंग के साथ दशहरा पर्व मनाया। रावण दहन के दौरान खूब आतिशबाजी भी की गई। डेढ़ साल के बाद या उमंग और उत्साह का नजारा गांव में दिखाई दिया। वही कुछ गांव में तो पर्व को लेकर लगाई गई पाबंदी पर नाराजगी जताते हुए मंत्री के पुतले भी जलाए गए।