बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देती है होली का त्योहार – खिलेश्वर कृषे

बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देती है होली का त्योहार – खिलेश्वर कृषे
AP न्यूज
यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो अब विश्वभर में मनाया जाने लगा है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लोग इस दिन हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकशिपु ने आदेश दिया कि होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।
यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है। कुछ किवदंतियों के अनुसार होली उन पर्वों में से है जो प्यार और सद्भावना बाटने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। कहते हैं इस दिन किसी भी रूठे हुए को रंग लगा कर गले मिल कर मनाया जा सकता है।
होली का त्योहार आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले मिलते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं और एक-दूसरे को होली के पावन पर्व की शुभकामनाएँ देते हैं।
गांव के व्यक्तियों के द्वारा होली के इस अवसर पर फाग गीत गाया जाता है, यह फाग गीत एक लोकगीत है। यह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का लोक गीत है पर समीपवर्ती प्रदेशों में भी इसको गाया जाता है। सामान्य रूप से फाग में होली खेलने, प्रकृति की सुंदरता और राधाकृष्ण के प्रेम का वर्णन होता है।
इस त्यौहार से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी हमें अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार हमारे सोचने समझने की शक्ति को बंद कर देता है। हमें होली का त्यौहार अपने परिवार और दोस्तों के साथ खूब धूमधाम से मनाना चाहिए।
होली हमें समानता की सुंदरता सिखाती है। इस दिन लोग जाति, धर्म और स्थिति के बारे में भूल जाते हैं। वे अपने गिले-शिकवे को पीछे छोड़कर रंग और खुशियां फैलाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
इसी के साथ आप सभी को होली त्योहार की अनेकों नेक बधाई एवं शुभ मंगलमय शुभकामनाएं।