भीषण गर्मी एवं लू से बचाव, प्रबंधन के संबंध में दिशा निर्देश जारी

NewsDesk

भीषण गर्मी एवं लू से बचाव, प्रबंधन के संबंध में दिशा निर्देश जारी

जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित, आवश्यकता पड़ने पर मोबाईल नम्बर-8103187138 पर कर सकते हैं सूचित

कवर्धा, 01 मई 2024। कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक ने लू-तापघात से बचाव, प्रबंधन के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए है। उन्होंने सभी विकासखंड के पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र जारी कर विभागीय स्तर, जिला, तहसील व ग्राम स्तर पर प्रचार-प्रसार करने कहा है। उन्होंने भीषण गर्मी एवं लू से बचाव, प्रबंधन के संबंध में वीडियो, पोस्टर पाम्फलेट्स के माध्यम से प्रचार प्रसार करने कहा है।
पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक ने बताया कि वैश्विक तापमान में हुई औसत वृद्धि के कारण प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के चलते विगत कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ हिस्सों में अप्रैल से जून माह के दौरान भीषण गर्मी एवं लू चलने इत्यादि की प्रवृत्ति में वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष भी माह मई से तापमान बढ़ने एवं भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी के कारण पशुओं को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। जिसके लिए स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत के सरपंच से सम्पर्क कर पानी की समस्या से अवगत कराने तथा पानी की समस्या से निजात पाने के लिए सरपंच अथवा स्थानीय स्तर पर पेयजल के प्रबंध के लिए सुझाव दे। संस्था स्तर पर “लू” लगने से बचाव के लिए “क्या करें, क्या न करें” ग्राम सभा में पशुपालकों को इस बाबत् अवगत कराएं तथा अधीनस्थों को भी बचाव हेतु पशुपालकों को सुझाव देने व आवश्यकता पड़ने पर अमल कराने के लिए निर्देशित करें। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर चल चिकित्सा अधिकारी के नगरानी में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर मोबाईल नम्बर-8103187138 पर सूचित कर सकते है।
कलेक्टर  जनमेजय महोबे ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि लू से बचाव के लिए कार्ययोजना तत्काल तैयार करें। अपने स्तर पर टीम गठित कर तैयार रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर समुचित प्रबंधन किया जा सके। अत्यधिक गर्मी से पीड़ित छोटे व कम उम्र के वत्सों, गाभिन गाय, भैंस तथा गंभीर बीमार पशुओं की प्राथमिकता के आधार पर उपचार करें। भीषण लू के समय आगजनी की भी प्रायः घटना में वृद्धि होती है। आगजनी से बचाने के लिए भी पशुपालकों को सुझाव दे। उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं व पक्षियों को पानी पीने की व्यवस्था स्थानीय निकायों से सम्पर्क कर कराएं। भीषण गर्मी व लू से बचाने के लिए रेड क्रास सोसायटी, विभिन्न अशासकीय संगठनों, धार्मिक संगठनों से भी सहायता ले।

जिला और विकासखंड स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त

जिला स्तर पर तथा विकासखण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्षों में विभिन्न अधिकारियों, कर्मचारियों को नोडल एवं सहायक नोडल नियुक्त किया गया है। जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष के लिए डॉ. उपेन्द्र वशिष्ट डहरे-8103187138 को नोडल अधिकारी और  रामदत्त जायसवाल-7828196314 को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। विकासखण्ड कवर्धा के लिए डॉ. प्रशांत सागर शर्मा-8319468957, बोड़ला के लिए डॉ. रोशनी हिरवानी-9340321596, सहसपुर लोहारा के लिए डॉ. दीक्षा पाल-9131585975 और विकासखंड पंडरिया के लिए डॉ. मुकेश लाँझीकर-9691365080 को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

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