छत्तीसगढ़ की आजादी की लड़ाई के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह जी के संघर्ष और बलिदान को शासकीय प्राथमिक शाला खैरझिटी खुर्द के बच्चों ने जाना

छत्तीसगढ़ की आजादी की लड़ाई के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह जी के संघर्ष और बलिदान को शासकीय प्राथमिक शाला खैरझिटी खुर्द के बच्चों ने जाना

कवर्धा। शहीद वीर नारायण सिंह का आजादी की लड़ाई में ऐतिहासिक योगदान और उनकी वीरतापूर्वक शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। इसी बात को स्मरण करते हुए शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस पर शासकीय प्राथमिक शाला खैरझिटी खुर्द में शहीद वीर नारायण सिंह जी की तैल चित्र पर पूजा अर्चना करते हुए माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
शाला के प्रधान पाठक वोकेश नाथ योगी ने बताया की शहीद वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, एक सच्चे देशभक्त व गरीबों के मसीहा थे। १८५७ के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के समय उन्होने जेल से भागकर अंग्रेजों से लोहा लिया था जिसमें वे गिरफ्तार कर लिए गए थे। १० दिसम्बर १८५७ को उन्हें रायपुर के “जय स्तम्भ चौक” पर फाँसी दे दी गयी। शाला के शिक्षक अर्जुनसिंह मेरावी ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला ,चंद्रशेखर शर्मा,और नन्दकुमार घोरमारे ने उनके जीवन के त्याग से अवगत कराया।