किसानी पृष्ठभूमि से आकर वकालत में लहराया परचम: कवर्धा के गजेंद्र चंद्रवंशी बिलासपुर विश्वविद्यालय में विधि के क्षेत्र में गोल्ड मेडलिस्ट

किसानी पृष्ठभूमि से आकर वकालत में लहराया परचम: कवर्धा के गजेंद्र चंद्रवंशी बिलासपुर विश्वविद्यालय में विधि के क्षेत्र में गोल्ड मेडलिस्ट

कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के एक छोटे से गांव गोपालभावना के निवासी गजेंद्र चंद्रवंशी ने वकालत के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र और चंद्रवंशी समाज का नाम रोशन किया है। एक किसान के बेटे ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा और कड़ी मेहनत किसी परिचय की मोहताज नहीं होती।अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में, गजेंद्र चंद्रवंशी को बीए एलएलबी में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और सर्वोच्च शैक्षणिक अंकों के लिए प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है।गजेंद्र के पिता गंगाधर चंद्रवंशी एक सामान्य किसान हैं, जिन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई-लिखाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। किसानी की पृष्ठभूमि से आने वाले गजेंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पास के ही गांव से प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए शहर का रुख किया। उनका यह सफर संघर्षपूर्ण रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।विश्वविद्यालय स्तर पर गोल्ड मेडल प्राप्त करना गजेंद्र की लगन, समर्पण और अकादमिक उत्कृष्टता का सीधा प्रमाण है। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और समाज के प्रमुखों ने गजेंद्र को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।गजेंद्र चंद्रवंशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के आशीर्वाद, गुरुजनों के मार्गदर्शन और अपनी कड़ी मेहनत को दिया है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उन्हें समाज के कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने के लिए और अधिक प्रेरित करेगा। उनकी यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं और बड़े सपने देखते हैं।

