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22 अगस्त से कर्मचारियों की हड़ताल: प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में तालाबंदी का दावा, काम बंद, कलम बंद आंदोलन करेंगे कर्मचारी

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा प्रदेशभर में कर्मचारी हितों को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन की रणनीति बनाई है। आंदोलन की सफलता को लेकर तब और दावा पुख्ता हो गया जब बुधवार को छत्तीसगढ़ के राजपत्रित अधिकारियों ने फेडरेशन के आंदोलन का समर्थन देने की घोषणा कर दी। शुक्रवार 22 अगस्त को कर्मचारियों की हड़ताल प्रारंभ हो रही है। बेमुद्दत हड़ताल का चौतरफा असर का दावा पदाधिकारी कर रहे हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा प्रदेशभर में कर्मचारी हितों को लेकर व्यापक आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है। फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने बताया कि राजपत्रित अधिकारियों ने फेडरेशन की हड़ताल का समर्थन किया है। कल से शुरू हो रहे बेमुद्दत हड़ताल के दौरान प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में तालाबंदी का दावा भी किया जा रहा है। स्थानीय निकायों के अलावा यूनिवर्सिटी में भी कामकाज ठप रहेगा। इसे लेकर आज से ही सरगर्मी देखी जा रही है।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने वीडियो जारी कर कल के बेमुद्दत आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए कर्मचारियों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। आंदोलन में शामिल होने रायपुर पहुंचने की अपील भी करते सुनाई दे रहे हैं। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का दावा है कि रायपुर में कल आंदोलन के दौरान प्रदेशभर के कर्मचारियों की एकजुटता दिखाई देगी। कमल वर्मा ने बताया कि फेडरेशन के आह्वान पर 22 अगस्त को काम बंद, कलम बंद आंदोलन को प्रदेशभर में व्यापक समर्थन मिल रहा है। फेडरेशन 30 अक्टूबर 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा को लेकर भी अपने विकल्प खुले रखा है।

इंद्रावती भवन में फिर तालाबंदी की नौबत-

कल बेमुद्दत हड़ताल के मद्देनजर इंद्रावती भवन में एक बार फिर तालाबंदी की नौबत आएगी। कांग्रेस शासनकाल के दौरान फेडरेशन के बैनर तले बेमुद्दत हड़ताल के दौरान 17 दिनों तक कामकाज प्रभावित हुआ था। एक बार फिर दफ्तरों में कामकाज ठप होने की नौबत बनते दिखाई दे रही है।

ये है फेडरेशन की प्रमुख मांगे-

केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।

DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।

सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।

लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।

प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए। पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।

सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।

अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।

प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।

अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।

दैनिक, अनियमित, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।

सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।

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