नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों की सहभागिता से मच्छरों पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय करने के निर्देश
मच्छरों को रोकने सभी सरकारी भवनों के दरवाजों और खिड़कियों में जाली लगाने कहा
रायपुर 11 मार्च 2022
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रदेश में वेक्टरजनित रोगों की रोकथाम और मच्छरों पर नियंत्रण के लिए सभी जिलों के कलेक्टर तथा जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को परिपत्र जारी किया है। उन्होंने ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों की सहभागिता से गांवों व शहरों में मच्छरों पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मच्छरों को रोकने सभी सरकारी भवनों के दरवाजों व खिड़कियों में यथासंभव जाली लगाने कहा है।
मुख्य सचिव श्री जैन ने कलेक्टरों और जिला पंचायतों के सीईओ को भेजे परिपत्र में कहा है कि वेक्टरजनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया इत्यादि मच्छरों द्वारा फैलते हैं। गर्मी की शुरूआत से जून महीने तक सामान्यतः मच्छरों की संख्या कम होती है। इस अवधि में आगामी महीनों में उनकी वृद्धि को रोका जा सकता है तथा वेक्टरजनित रोगों के नियंत्रण और उन्मूलन का कार्य किया जा सकता है। उन्होंने नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों को इसके लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने मच्छरों की बढ़ोतरी रोकने के लिए मार्च और अप्रैल महीने में सभी तालाबों में गंबुजिया और गुप्पी मछली छोड़ने कहा है। एक गंबुजिया मछली दिन में 300 लार्वा तक खा सकती है। इसलिए यह बायोवेक्टर नियंत्रण में प्रभावी होगा। मछली पालन विभाग से संपर्क कर ये मछलियां आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने सभी सरकारी भवनों के दरवाजों और खिड़कियों में यथासंभव जाली लगाने कहा है। निजी आवासों में भी जाली लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश उन्होंने दिए हैं। उन्होंने पानी की टंकियों के ढक्कन की मरम्मत भी सुनिश्चित करने कहा है।
मुख्य सचिव ने मच्छरों को रोकने आगामी मई और जून महीने में स्थानीय निकायों द्वारा फॉगिंग और इंडोर-स्प्रे की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बुखार के सभी मामलों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में सूचित करते हुए पीड़ितों की तत्काल जांच कराने कहा है। मुख्य सचिव श्री जैन ने पानी निकासी को सुगम बनाने नालियों और नालों की सफाई के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कलेक्टरों और जिला पंचायतों के सीईओ को लोगों को पहले से ही वितरित एलएलएनआई (स्स्छप्) मच्छरदानियों के उपयोग, प्रचार-प्रसार और उपलब्धता की समीक्षा करने कहा है। उन्होंने इन सभी गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन से इस वर्ष मच्छरजनित बीमारियों की संख्या में कमी आने की उम्मीद जताई है।