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Encounter के डर से चिल्लाया “मैं हूं विकास दुबे कानपुर वाला”, गाड़ी में बैठाते हुए पुलिस ने जड़ा थप्पड़

Vikas Dubey
Image Source : PTI

नई दिल्ली। कानुपर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाला मोस्ट वांटेड क्रिमिनल विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विकास मध्य प्रदेश के उज्जैन से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बता दें कि विकास खुद आज उज्जैन में भीड़ भाड़ वाले महाकाल मंदिर पहुंचा और खुद के विकास दुबे होने का ऐलान किया। पुजारी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस विकास दुबे को लेकर जा रही थी तब भी वह चिल्ला रहा था कि मैं हूं विकास दुबे कानपुर वाला। वीडियो में दिख रहा है कि जब विकास दुबे यह चिल्ला रहा था, तब वहां मौजूद एक पुलिस वाले ने एक थप्पड़ भी जड़ दिया था। यह भी पढ़ें: मोस्‍ट वांटेड विकास दुबे पकड़ा गया, उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के दौरान पुलिस ने धरा

विकास के इस प्रकार उज्जैन जाकर भीड़ भाड़ में खुद को विकास दुबे बताने से साफ पता चलता है कि यूपी पुलिस के ताबड़तोड़ एन्काउंटर के बाद उसे भी अपने मारे जाने का डर सता रहा था। विकास दुबे भीड़ के बीच में खुद को सुरक्षित मान रहा था। बता दें कि उसके तीन साथियों को पुलिस ने पिछले 24 घंटों में हमीरपुर, कानपुर और इटावा में ढेर कर दिया है। यह भी पढ़ें: गैंगस्‍टर विकास दुबे ने सरेंडर करने के लिए आखिर महाकाल मंदिर को क्‍यों चुना? इंडिया टीवी ने जताई थी एमपी आने की संभावना

इस बीच उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उज्‍जैन में पकड़ा गया संदिग्ध व्‍यक्ति ही विकास दुबे है। विकास ने पिछले सप्ताह खुद को पकड़ने पहुंची पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी कर आठ पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। विकास दुबे इस कांड का मुख्य आरोपी है जिस पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था। 

24 घंटे में 3 एन्काउंटर 

पिछले 24 घंटों में यूपी पुलिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) के तीन साथियों को ढेर कर चुकी है। बुधवार को यूपी पुलिस ने हमीरपुर में विकास के राइट हैंड अमर दुबे को ढेर किया था। वहीं आज देर रात इटावा में एक अन्य करीबी बउआ मिश्रा मारा गया है। साथ ही कल फरीदाबाद से गिरफ्तार किए गए प्रभात मिश्रा भी कानपुर के रास्ते पुलिस हिरासत से भागते हुए मारा गया। 

अपराध से है पुराना नाता 

विकास दुबे का अपराध जगत से गहरा नाता रहा है। राजनीति संरक्षण के कारण उसका अपराध फलता-फूलता रहा। अपने संरक्षण के लिए राजनीति का भी उसने चोला ओढ़ रखा था। इसके खिलाफ 60 अपराधिक मुकदमें दर्ज है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। 2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे हत्या मामले में भी विकास पर आरोप है। वहीं 2018 में अपने ही चचेरे भाई अनुराग पर विकास दुबे ने जानलेवा हमला करवाया था। इस दौरान भी विकास जेल में बंद था और वहीं से सारी साजिश रची थी। इस मामले में अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था।

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