ED (प्रवर्तन निदेशालय) के विरोध में शिवेंद्र चन्द्राकर

ED (प्रवर्तन निदेशालय) के विरोध में शिवेंद्र चन्द्राकर
AP न्यूज़: दशरंगपुर: – अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कवर्धा अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग एवं अध्यक्ष गौठान प्रबंधन समिति लिटीपुर शिवेन्द्र चन्द्राकर जी के द्वारा विज्ञप्ति, राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सैल्यूट करने का मन कर रहा है, ईडी दफ्तर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पुछताछ के लिए तलब किया था और विषय था हेराल्ड और यंग इंडिया के बीच आर्थिक लेन देन पर कुछ सवाल।अपने तय समय पर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ईडी के दफ्तर पहुंची और 2 घंटे तक रही। ईडी अफसरान ने कहा अब आप जा सकती है हमारे पास और सवाल नहीं है। कांग्रेस मिडिया इंचार्ज जयराम रमेश के प्रेस वक्तव्य के अनुसार श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा आप सवाल पूछिए हम रात 09:00 बजे तक यहां बैठ सकते हैं। चूंकि रात 09:00 बजे हमें दवा लेना होता है लेकिन हम कल भी आ सकते हैं। ईडी आफिसर ने साफ साफ शब्दों में कहा नहीं मैडम अब हमारे पास कोई सवाल नही है, कल भी आने की जरूरत नहीं है। पूरा देश सड़क पर रहा,हर सूबे के मुख्यालय पर कांग्रेस इन सवालों के साथ खड़ी मिली क्यों अपमानित किया जा रहा है एक महिला को जो बीमार है। फिर नए सिरे से एक सवाल मन में आता है कि कौन है सोनिया गांधी बार बार इस परिवार को क्यों अपमानित किया जा रहा है। श्रीमती सोनिया गांधी एक परंपरा की वाहक हैं। यह परंपरा चलती है गांधी जी से पंडित जवाहरलाल नेहरू सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद से वैचारिक मतभेद अपनी जगह, पर मन भेद नहीं होना चाहिए। ज्यादा दूर नहीं जाता, इतिहास है। बंगाल के दो बड़े राजनीतिज्ञ बापू के सख्त विरोधी थे। शहीद सूहरावर्दी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी।सुहरावर्दी को बंगाल की जनता मारने पर उतारू थी उसे बापू ने अपने बगल में खड़ा किया उसकी जान बचाई। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लोगों ने बापू पर हमला किया और वहीं बापू ने मुखर्जी को पंडित नेहरू की सरकार में मंत्री बनवाया। अब हाल की घटना पर आइए अटल जी को किडनी की दिक्कत थी उनके पास इतना धन नहीं था कि विदेश में बार बार जाकर इलाज करा पाते। आज जिन सोनिया गांधी को अपमानित किया जा रहा है वह भी बीमारी की हालत में।वहीं सोनिया गांधी अपने पति प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी के कहने पर अटल जी का हालचाल लेती थी और एक दिन उन्होंने अटल जी का इलाज करवाने उन्हें विदेश भिजवाने का इंतजाम करवाया।उन राजीव गांधी ने या इन सोनिया गांधी ने अब तक इस घटना पर एक शब्द भी नहीं बोला है। ईडी साहेब, आज आप जिस विषय हेराल्ड और यंग इंडिया के चलते कांग्रेस अध्यक्ष को हाजिर कर रहे हो वह हेराल्ड और यंग इंडिया कांग्रेस के स्वर्णिम इतिहास का पन्ना है जो अब समूचे भारत समेत उन तमाम सभ्यताओं का हिस्सा बन चुका है ,जहां जब भी एकाधिकार वाद का फंदा कसेगा उससे निजात पाने के लिए यंग इंडिया सामने रखा जाएगा।
आपको तो अपना भी इतिहास नहीं मालूम होगा?
18 मार्च 1922 को अहमदाबाद में गांधी जी पर 124A के तहत देशद्रोह का मुकदमा चलता है। विडम्बना देखिए आज हम घूम फिर कर फिर उसी मुकाम पर हैं, उस वक्त जस्टिस ब्रूम फील्ड की अदालत में गांधी पर आरोप लगता है कि आपके यंग इंडिया में प्रकाशित लेख ने जनता को भड़काने का काम किया है? आप अपने बचाव में कुछ कहना चाहोगे तो बापू ने मना कर दिया और कहा मैंने यंग इंडिया में जो कुछ लिखा है उस पर कायम हूं और आगे भी लिखता रहूंगा अगर यह लिखना अपराध है तो हम अपराधी हैं। और आप जो भी जितनी भी सख्त सजा देना चाहे दें। ईडी साहब आप जानते हैं जस्टिस ब्रूम फील्ड ने क्या कहते हुए सजा सुनाई थी उन्हें “इस अदालत में आप जैसा विलक्षण कैदी इसके पहले ना कोई आया था ना आएगा आप को 6 साल की कैद की सजा सुना रहा हूं अगर अंग्रेज सरकार आप की सजा मे कुछ भी कटौती करेंगी तो सबसे पहले हमें खुशी होगी इस केस को इतिहास “द ग्रेट ट्रायल” कहता है।
ईडी साहिबा, जब आप सोनिया जी को कह रहे होंगे कि हमारे पास आप से पूछने के लिए और कोई प्रश्न नहीं है तो यकीनन आप की मानसिकता जस्टिस ब्रूम फील्ड के बिल्कुल आसपास रहीं होगी सोनिया जी जिस तरह तन कर बैठी थी और सवाल पूछने की बात कर रही थी यही है रवायत कांग्रेस की और उस परिवार की। कांग्रेस को चाहिए कि वह यंग इंडिया का तीनों अंक प्रिंट करके युवा जनों में बांट दें।ईडी साहेब, आपने श्रीमती सोनिया गांधी जी को दफ्तर में तलब किया तो लोग सड़कों पर उतर आए। आप के दफ्तर में श्रीमती सोनिया गांधी अकेले नहीं थी उनके साथ लोगों का हुजूम था और गलत के खिलाफ बुलन्द आवाज इस मुल्क की ताकत है इस आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने लोगों के हाथों में अकूत ताकत दी है आप भूल गए होंगे या आपको इससे दिक्कत आई होगी! सूचना का अधिकार शिक्षा का अधिकार, रोजगार की गारंटी का अधिकार ये सब किसने दिया और कौन मिटा रहा है करो इस पर बात?भूख के खिलाफ खाद्य सुरक्षा कानून किसने दिया है, उसमें साफ साफ कहा है यह अन्न किसान का है और गरीब का उस अन्न पर अधिकार है और आपने क्या किया उसी अन्न की थैली पर अपनी तस्वीर लगाकर वोट मांगने का काम किया।वैसे तो बहुत कुछ है बताने के लिए अभी के लिए इतना है कि सोनिया गांधी जी बलिदानी परिवार से हैं और उनमें भी देश आधार पर बिठाई गई जांचें उसके हौसलों को पस्त नहीं कर पाएंगी। संघर्ष अब थमेगा नहीं, सत्याग्रह रुकेगा नहीं और सत्य कभी झुकेगा नहीं।