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डॉक्टरों की सुझबूझ और हिम्मत से बची माँ और बच्चे की जान, जिला अस्पताल में संसाधनों की भारी कमी,परिवार ने किया सभी का धन्यवाद

कवर्धा : जिले के सरकारी अस्पाल (District Government Hospital) इलाज के मामलों में काफी कमजोर हैं। यहाँ पर पर्याप्त संसाधनों, उपकरणों की कमी व डॉक्टर स्टाफ की कमी (shortage of medical staff) है। ऐसे में कई केस ऐसे आते हैं जिसमें सर्जरी करना जरूरी तो होता है, पर अनुप्लब्धियों का सामना करते हुए ऑपरेशन (Operation) कर पाना मुश्किल हो जाता है।

ऐसा ही एक मामला कवर्धा जिला अस्पताल (Kawardha District Hospital) में पास के जंगल में बसे गांव सरईपतेरा (चमारी)का सामने आया है, जहाँ गर्भवती (Pregnant) महिला को को जचकी के लिए लाया गया था, कंडीशन इतने कॉम्प्लिकेटेड हो गए थे, बच्चे ने गर्भ में ही पानी पी लिया था सर्जरी करने की नौबत आ गई थी, ऐसे में स्टाफ की कमी व संसाधन की कमी एवं गंभीर स्थिति में ऑपरेशन परफॉर्म कर पाना जिला चिकित्सालय में बहुत रिस्की हो गया था, ऐसे वक्त में सूझबूझ दिखाते हुए, सीएमएचओ डॉक्टर एस के मंडल ने जिला अस्पताल से शहर के ही चंद्रायन अस्पताल (Chandrayan Hospital) में महिला को भर्ती करवाया व निःशुल्क इलाज करवाया। सुरक्षित व सफल ऑपरेशन के बाद सीएमएचओ मंडल की मदद से जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित हैं व महिला ने बालिका को जन्म दिया है।

जिले के स्वास्थ्य अधिकारी ने गरीब परिवार का सहयोग करते हुए दूसरे दिन उनका आयुष्मान कार्ड भी बनावाया ताकि भविष्य में सुरक्षा को लेकर परेशानी न उठानी पड़ें व विपरीत परिस्थितियों में भी इलाज संभव हो सके। पूरे परिवार की सम्पूर्ण मदद करने में बैगा समाज के जिलाध्यक्ष कामू बैगा व सर्व आदिवासी समाज के साथियों तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी समेत शहर के चंद्रायन अस्पताल का सराहनीय योगदान रहा । जिसके लिए मदद मिले परिवार ने सभी का धन्यवाद दिया।

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