वेतन और श्रम सम्मान राशि न मिलने से कर्मचारी मजबूर, मजदूरी करने अवकाश मांगा

वेतन और श्रम सम्मान राशि न मिलने से कर्मचारी मजबूर, मजदूरी करने अवकाश मांगा
कबीरधाम। आदिम जाति बालक आश्रम दामापुर में पदस्थ कर्मचारी रोहित कुमार गेंदले द्वारा वेतन व श्रम-सम्मान राशि न मिलने की गंभीर समस्या सामने आई है। कर्मचारी ने अधीक्षक को लिखित आवेदन देकर बताया है कि विभाग की लचर व्यवस्था के कारण उन्हें पिछले पांच माह से वेतन तथा 18 वर्ष की सेवाकाल की श्रम-सम्मान राशि प्राप्त नहीं हुई है। आर्थिक संकट इस कदर गहरा गया है कि परिवार का भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई तक प्रभावित होने लगी है।
पंडरिया विधायक भावना बोहरा के विधानसभा क्षेत्र की यह विडंबना है—एक ओर विधायक करोड़ों की घोषणाओं की बरसात कर रही हैं, तो वहीं उसी क्षेत्र का एक कर्मचारी कलेक्टर के सामने अपनी रोज़ी-रोटी, बच्चों की फीस और बुनियादी ज़रूरतों के लिए गुहार लगाने मजबूर है। सरकार के खजाने कर्मचारियों के मेहनताना देने में खाली पड़ जाते हैं, लेकिन करोड़ों की सौगात बांटकर वाहवाही बटोरने में कोई कमी नहीं रहती। यह तस्वीर विकास नहीं, व्यवस्था की सच्चाई बयां करती है।
कर्मचारी के अनुसार, लगातार वेतन न मिलने से रोजमर्रा के खर्च पूरे करना मुश्किल हो गया है। मजबूरी में जीविकोपार्जन के लिए उन्हें मजदूरी करने की नौबत आ गई है। इसी आर्थिक दबाव को देखते हुए कर्मचारी ने 10 दिवस का अवकाश स्वीकृत करने का अनुरोध किया है, ताकि वह मजदूरी कर परिवार का गुजारा चला सके।
कर्मचारी का यह दावा विभागीय व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करता है। वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करता है। स्थानीय कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यदि स्थिति यही रही, तो आश्रमों के संचालन पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभाग इस संवेदनशील प्रकरण पर कितनी गंभीरता दिखाता है और कब तक लंबित वेतन व राशि का भुगतान किया जाता है।



