डॉ रमन सिंह परिवार राजनांदगांव लोकसभा को अपनी “जागीर” और वोटर को “बेवकूफ” समझ रहे हैं! – विप्लव साहू
डॉ रमन सिंह परिवार राजनांदगांव लोकसभा को अपनी “जागीर” और वोटर को “बेवकूफ” समझ रहे हैं! – विप्लव साहू
खैरागढ़ : 32 सालों से डॉ रमन सिंह कवर्धा विधानसभा, राजनांदगांव लोकसभा, डोंगरगांव विधानसभा और राजनांदगांव विधानसभा सीट पर लगातार निर्वाचित होते आ रहे हैं। वे सभी दलों के कार्यकर्ताओं के हक पर कुंडली मारकर राज कर रहे हैं, बेचारे कार्यकर्ता लिहाज में चुप रहते हैं।
डॉ रमन सिंह के कुचक्र को तोड़ने के लिए कांग्रेस ने बड़ी गंभीरता से प्रदेश के कद्दावर नेता श्री गिरीश देवांगन को प्रत्याशी बनाकर ट्रम्प कार्ड खेला है। यहां डॉ रमन सिंह के हारने से कांग्रेस ही नही बल्कि भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए भी भविष्य का रास्ता खुलेगा।
छत्तीसगढ़ के इस भाजपा परिवारवाद ने भारतीय राजनीति में रिकार्ड बनाते हुए, डॉ रमन सिंह दो बार कवर्धा विधानसभा, एक बार राजनांदगांव लोकसभा, दो बार डोंगरगांव विधानसभा, दो बार राजनांदगांव विधानसभा और पुत्र अभिषेक सिंह राजनांदगांव लोकसभा सदस्य चुने गए। और अभी डॉ रमन सातवी बार राजनांदगांव विधानसभा लड़ रहे हैं। भांजे विक्रांत सिंह को खैरागढ़ विधानसभा और रिश्तेदार भांजी भावना बोहरा को पंडरिया विधानसभा का टिकट दिया है।
क्या पूरे लोकसभा के 20 लाख लोगों में काबिल कार्यकर्ताओं की कमी है जो एक ही परिवार के सर्वाधिक निर्वाचन का विश्व रिकार्ड बनाना चाहते हैं! मतदाता हैरान और लोकतंत्र बेहाल है।