ChhattisgarhINDIAखास-खबर

छुईखदान की शान: डॉ. जितेंद्र कुमार ताम्रकार को मिला स्वास्थ्य मंत्री से सम्मान, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में नया उदाहरण

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार 


दुर्ग, छत्तीसगढ़:
प्राप्त जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ के दुर्ग में आयोजित मेगा इवेंट स्वस्थ और समृद्ध छत्तीसगढ़ के अवसर पर छुईखदान के प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र कुमार ताम्रकार को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनकी चिकित्सीय कुशलता का प्रमाण नहीं बल्कि उनकी सामाजिक जिम्मेदारी और गरीब वर्ग के प्रति संवेदनशीलता का भी जीवंत उदाहरण है।

डॉ. ताम्रकार का मानना है कि किसी महिला की आर्थिक स्थिति उसके और उसके बच्चे के स्वास्थ्य में बाधा नहीं बननी चाहिए। इसी सोच के साथ वे छुईखदान और आसपास के ग्रामीण इलाकों में वर्षों से नि:स्वार्थ भाव से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं — और वह भी बिना किसी सरकारी सहायता के।


सरकारी योजनाओं से आगे बढ़कर इंसानियत की मिसाल

जहां कई अस्पताल सिर्फ औपचारिकताओं में उलझे रहते हैं, वहीं डॉ. ताम्रकार ने अपनी व्यक्तिगत सोच और जिम्मेदारी के तहत गरीब महिलाओं के लिए वो सेवाएं शुरू की हैं जो वास्तव में ज़मीनी स्तर पर बदलाव लाती हैं:

✔ आयुष्मान कार्ड और गरीबी रेखा कार्ड दिखाने मात्र से सभी गर्भवती महिलाओं को मुफ्त सोनोग्राफी — जिससे गर्भावस्था में जटिलताओं की समय रहते पहचान हो सके।

✔ आयुष्मान कार्ड या गरीबी रेखा कार्ड धारक महिलाओं के लिए पूरी तरह मुफ्त सामान्य प्रसव — ताकि पैसे के अभाव में कोई भी मां सुरक्षित प्रसव से वंचित न रहे।

✔ ऑपरेशन डिलीवरी में बड़ी छूट — जबकि सरकार द्वारा इन सेवाओं पर सीधा समर्थन नहीं दिया जा रहा, डॉ. ताम्रकार बिना सरकारी सहायता के इन सेवाओं को प्रदान कर रहे हैं।


कुशल सर्जन और संवेदनशील इंसान की अनसुनी कहानियाँ

डॉ. ताम्रकार सिर्फ एक डॉक्टर नहीं, बल्कि मरीजों के लिए एक अभिभावक की तरह हैं। उनके पास इलाज कराने वाली महिलाएं बताती हैं कि उनकी सर्जरी की कुशलता और मरीजों के प्रति उनका मधुर व्यवहार उन्हें विशेष बनाता है।

हाल ही में राधिका (बदला हुआ नाम) की कहानी ने लोगों की आंखें खोल दी। राधिका (बदला हुआ नाम), जो गंभीर गर्भावस्था संबंधी समस्या — हाई ब्लड प्रेशर और शरीर में सूजन — से पीड़ित थीं, उन्हें आसपास के कई अस्पतालों ने इलाज से मना कर दिया। जीवन और मृत्यु के बीच जूझती आख़िरी उम्मीद के साथ डॉ. ताम्रकार के पास पहुंचीं। वहां न केवल आधी रात को तुरंत जांच की गई, बल्कि टीम ने बिना देरी किए ऑपरेशन कर सुरक्षित प्रसव कराया। आज मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं — यह डॉ. ताम्रकार की कुशलता और करुणा का जीता-जागता उदाहरण है।


छत्तीसगढ़ सरकार और समाज के लिए संदेश

जहां नीतियों की सीमाएं दिखाई देती हैं, वहां डॉ. ताम्रकार जैसे डॉक्टर मानवता की लौ जलाए हुए हैं। स्वस्थ और समृद्ध छत्तीसगढ़ का सपना तभी साकार हो सकता है जब ऐसे समर्पित चिकित्सकों को सरकार की ओर से भी भरपूर सहयोग मिले।

डॉ. ताम्रकार ने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छा शक्ति हो तो सरकारी सहायता के बिना भी गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वो सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकती हैं जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है।

डॉ. जितेंद्र कुमार तम्रकार न केवल छुईखदान की, बल्कि पूरे प्रदेश की गर्व की बात हैं। उनकी सेवाओं और समर्पण ने यह सिद्ध कर दिया कि डॉक्टर का असली धर्म, पीड़ित को निःस्वार्थ सेवा देना हैl

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page