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भूतकाल और भविष्य सोच के नही बिगाड़े वर्तमान : महंत श्री राजीवलोचन दास जी महाराज

भूतकाल और भविष्य सोच के नही बिगाड़े वर्तमान : महंत श्री राजीवलोचन दास जी महाराज

कवर्धा। बता दे की पूरी खबर पंडरिया जिला अंतर्गत पांडातराई गड़ई (कला) की है, जहां चल रहे श्रीमद भागवत पुराण कथा के चतुर्थ दिवश अंतर्गत आज दिन सोमवार को महंत श्री राजीवलोचन दास जी महाराज का आगमन हुआ।आगमन के पश्चात् पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी,जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चंद्रवंशी एवम् अन्य ग्राम वासियों के द्वारा महाराज जी का मल्यापण किया गया।जिसके बाद महाराज द्वारा आशीर्वचन श्रोताओं को प्राप्त कराया गया।कथा अंतर्गत महाराज जी द्वारा बताया गया की पूरे जीवन का सार मध्य होता है। साथ ही बताया गया की रामचरित्र मानस में भगवान राम और भागवत महापुराण में भगवान श्याम का जन्म भी मध्य में हुआ।पूरे जीवन का सर मध्य होता है क्योंकि शुरुवात हमारी बाल्यावस्था होती है जिसमे हम कुछ नहीं कर पाते एवम् अंत में बुढ़ापा आ जाती है जिसमे हम चाह के भी कुछ नही कर सकते है अर्थात हम जो भी कर सकते है अपने जीवन के मध्य युवावस्था में कर सकते है।

दो गज नारी,चार गज कुत्ता।
दस गज सांड, बीस गज लुच्चा।।

इसके बाद महाराज जी द्वारा आगे की कथा सुनाते हुए दुष्ट व्यक्तियों से दूर रहने का संकेत दिया तथा एक जबरदस्त गांव की कहानी सुनाई जिसे सुन के सभी श्रोतागण हस हस के लोट पोट हो गए थे कथा अंतर्गत महाराज जी के द्वारा अनेक संदेश दिए गए जिसके पश्चात महाराज जी अपनी वाणी को एक बहुत ही मधुर भजन जिस भजन को पूरे श्रोताओं ने भजन के रंग में रंग के बड़े ही चाव भाओ के साथ आनंद के साथ गया के साथ गया जिसके बाद महाराज जी ने अपनी वाणी को विराम दिया।

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