ChhattisgarhINDIAखास-खबर

धरमपुरा आमनेर नदी घाट सफाई अभियान का हुआ समापन

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

पारिस्थितिकी तंत्र की वापसी से खिला प्राकृतिक सौंदर्य, पक्षियों की चहचहाहट ने लौटाई घाट की रौनक

खैरागढ़ 22 जून 2025
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) से प्रारंभ हुआ धरमपुरा स्थित आमनेर नदी घाट का सफाई एवं श्रमदान अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। “आत्मनिर्भर खैरागढ़ अभियान” के अंतर्गत नगर पालिका, स्वच्छता दीदी टीम, समाजसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों के सहयोग से इस अभियान ने न केवल नदी को स्वच्छ किया, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी पुनर्जीवित किया।

17 दिन, 40 टन अपशिष्ट – जनसहयोग की मिसाल

17 दिनों तक चले इस अभियान के दौरान नदी से लगभग 40 टन जलकुंभी और अन्य कचरा निकाला गया। वर्षों से उपेक्षित रहे इस घाट को समर्पित श्रमदान, जनभागीदारी और पर्यावरणीय चेतना ने फिर से जीवंत बना दिया है।

लौटी जैव विविधता – लौटे बगुले, चील और गिद्ध

स्वच्छता अभियान के सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट दिखने लगे हैं। अब घाट पर फिर से सफेद व काले बगुले, बाज, चील, गिद्ध जैसे पक्षी लौट आए हैं। लंबे समय से जल प्रदूषण के कारण पलायन कर चुके ये पक्षी अब निर्भीक होकर मछलियों, सरीसृपों और कीटों का शिकार करते देखे जा रहे हैं। यह परिवर्तन स्वयं में एक महत्वपूर्ण संकेत है कि कैसे पर्यावरण संरक्षण के प्रयास धरातल पर नतीजे देते हैं।

कलेक्टर ने की सराहना, सेवाभावियों ने लिया पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प

अभियान के समापन अवसर पर कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रावल, जिला पंचायत सीईओ प्रेम कुमार पटेल, वनमंडल अधिकारी समेत कई जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया। सभी ने पर्यावरण की रक्षा हेतु संकल्प लिया और आमजन से अपील की कि नदियों को प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट से मुक्त रखें।

कलेक्टर श्री चंद्रावल ने अभियान से जुड़े सभी सेवाभावियों को बधाई देते हुए कहा, “नदी केवल जल का स्रोत नहीं, जीवन की धारा है। इसकी रक्षा हम सबका कर्तव्य है।”

समर्पण और सहभागिता की प्रेरक मिसाल

नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गिरिजा नंद चंद्राकर ने अभियान को प्रेरणास्पद बताया, वहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी नरेश वर्मा ने सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया।
आत्मनिर्भर खैरागढ़ अभियान के संयोजक सदस्य श्री अनुराग शांति तुरे ने इसे “जनचेतना और समर्पण की जीत” बताते हुए भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रखने की बात कही।

“स्वच्छ नदी, स्वस्थ खैरागढ़” – यही है अगला लक्ष्य

यह अभियान एक शुरुआत भर है। आमनेर घाट की तर्ज पर खैरागढ़ की अन्य जलस्रोतों की सफाई और संरक्षण की दिशा में कार्य जारी रहेगा। यह पहल सिद्ध करती है कि जब समाज एकजुट होकर प्रयास करता है, तो हर परिवर्तन संभव है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page