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मंत्रीमंडल में बारी – धनेंद्र की या अमितेष की ?

मंत्रीमंडल में बारी – धनेंद्र की या अमितेष की ?

AP NEWS : 17 अप्रैल खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव परिणाम “मिशन 2023” के मद्देनजर सत्रो के अनुसार भूपेश मंत्रिमंडल में तयशुदा बदलाव के तहत लगभग 5 मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत द्वारा राज्यसभा में जाने के इच्छा जताने के बाद प्रदेश सत्ता में बदलाव के बयार से कांग्रेस संगठन अछूता रह पयेंगा यह मुमकिन नहीं लगता मौजूदा समय में मंत्रिमंडल में दुर्ग संभाग का ही दबदबा है जबकि रायपुर संभाग से इकलौते कद्दावर मंत्री डॉक्टर शिव कुमार डहरिया ही है.

ऐसे में यह माना जा रहा है कि रायपुर संभाग से 1 से 2 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है 15 वर्षों के कठिन संघर्षों के पश्चात 2018 के विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित बहुमत के साथ कांग्रेस की सत्ता में वापसी के साथ ही मंत्रिमंडल के गठन के पूर्व तक प्रदेश के पूर्व मंत्री पूर्व पीसीसी चीफ रहे अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू एवं शुक्ल कुनबे के इकलौते सियासी वारिस पूर्व पंचायत मंत्री अमितेश शुक्ल का मंत्रिमंडल में नाम तय माना जा रहा था समर्थकों द्वारा जश्न की तैयारियां भी की जा चुकी थी लेकिन ऐन वक्त पर उन्हें अंतत: मायूसी हाथ लगी और तब से अब तक जब जब मंत्रिमंडल पुनर्गठन की बात चली तब तक इन दोनों ही नामों को लेकर रस्साकशी होती रही, और एक बार फिर संभावनाओं के चलते ये दोनो नाम पुन:चर्चे में है!

वही रायपुर संभाग से ही 10 जनपद में सीधे पहुंच रखने वाले पार्टी संगठन में अहम ओहदा संभाल रहे तेजतर्रार जमीनी स्तर पर सर्वाधिक सक्रिय युवा विधायक का नाम मंत्री के रूप में फाइनल माना जा रहा है ऐसे में रायपुर संभाग से ही 4 मंत्री हो जाएंगे ,यदि भौगोलिक दृष्टिकोण विधानसभाई क्षेत्रों की सीमाओ देखे तो राजिम विधायक अमितेष शुक्ल एवं अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू के निर्वाचन क्षेत्रों में महज महानदी “सेतु”/”पुल” का ही फासला हैं.

वही अभनपुर से लगा हुआ अपनी अभूतपूर्व प्रशासनिक क्षमता के चलते प्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग को उल्लेखनीय उपलब्धियां दिलाने वाले दबंग मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया का विधानसभा आरंग हैं,ऐसी स्थिति में राजिम व अभनपुर विधायक को एक साथ ” मंत्री” पद से नवाजा जाना मंत्रिमंडल में “क्षेत्रीय -असंतुलन “व “असंतोष “का सबब बन सकता है जिसके चलते धनेंद्र साहू एवं अमितेश शुक्ला के मंत्री पद एक बार फिर “संशय” पूर्ण की स्थिति में नजर आ रही हैं!

गरियाबंद जिला कांग्रेस कमेटी में पिछले कुछ महीने पूर्व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उपजे असंतोष के चलते “इस्तीफो “व “मान- मनौव्वल” की स्थिति ने “सत्ता”-“संगठन” में क्षेत्रीय विधायक अमितेश शुक्ला की प्रतिष्ठा को गहरी क्षति पहुंचाई है उक्त घटनाक्रमों का ऊपर तक बेहद ही प्रतिकूल संदेश पहुंचा था! मंत्रिमंडलीय’ “सोशल इंजीनियरिंग” और प्रदेश में साहू समाज की बहुलता पर गौर करें तो अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू कुछ हद तक स्थिति मजबूत दिखाई पडती हैं.

सरल -सौम्य छवि,पार्टी में वरिष्ठता ,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मंत्री के रूप में संगठनिक- प्रशासनिक अनुभव, साहू समाज व पिछड़ा वर्ग के जनाधार वाले नेता होने का लाभ भी उन्हें मिल सकता है.

फिलहाल मौजूदा मंत्रिमंडल में साहू समाज से एकमात्र मंत्री ताम्रध्वज साहू को प्रतिनिधित्व मिला हुआ है प्रदेश में साहू समाज की बहुलता को देखते हुए प्रदेश के सामाजिक जनों द्वारा मंत्रिमंडल में एक और मंत्री पद समाज के विधायक को दिए जाने की मांग निरंतर की जा रही है.

बहरहाल यह तो आने वाला समय ही बतायेगा कि लगभग साढे तीन वर्षो के लंबी प्रतीक्षा के बाद “मंत्री” पद धनेंद्र साहू की झोली में आता या अमितेष शुक्ल की……!या आज से साढ़े तीन वर्षो के पूर्व का किस्सा फिर से ………!

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