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हर समाज और वर्ग के लोगों का विकास कराना हमारा मुख्य ध्येय – मुख्यमंत्री बघेल

हर समाज और वर्ग के लोगों का विकास कराना हमारा मुख्य ध्येय – मुख्यमंत्री बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कवर्धा के गांधी मैदान में चंद्रनाहू कुर्मी क्षत्रिय समाज कवर्धा राज वार्षिक अधिवेशन के शुभारंभ अवसर पर शामिल हुए

मुख्यमंत्री ने कुर्मी समाज के छात्रावास का किया उद्घाटन

समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को नागर, तलवार और पगड़ी पहनाकर स्वागत कर सम्मानित

कवर्धा, 09 जून 2023। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शुक्रवार को कवर्धा के गांधी मैदान में चंद्रनाहू कुर्मी क्षत्रिय समाज कवर्धा राज वार्षिक अधिवेशन के शुभारंभ अवसर पर शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समाज को संबोधित करते हुए कहा कि कुर्मी समाज कृषि आधारित समाज है। समाज प्रारंभ से ही खेती किसानी से जुड़ा हुआ है। अधिकांश लोग कृषि कार्य पर निर्भर है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा कृषकों के हित में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज डॉ. खूबचंद बघेल, चंदूलाल चंद्राकर और अन्य पूर्वजों का सपना था कि छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हो और छत्तीसगढी़या किसान, मजदूर, श्रमिकों, गरीब तथा पिछड़े वर्ग की स्थिति में सुधार हो। शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार सहित सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलना चाहिए। समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किसानों के प्रतीक नागर, तलवार और पगड़ी पहनाकर उनका सम्मान किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने समाज द्वारा निर्मित छात्रावास का उद्घाटन किया। मंच पर सामाजिक अधिवेशन में पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री महेश चंद्रवंशी, समाज के अध्यक्ष लाल बहादुर चंद्रवंशी, श्री लालजी चंद्रवंशी, शिवकुमार चंद्रवंशी, जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चंद्रवंशी, नीलकंठ चंद्रवंशी सहित समाजिक पदाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद हमने सबसे पहले कर्जा माफ किया। इसके साथ 2500 रुपए में धान खरीदी, कोदो, कुटकी, रागी, मक्का, गन्ना का समर्थन मूल्य में खरीदी की घोषणा की गई। इससे किसानों के आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, बेरोजगारी भत्ता के माध्यम से आज 4 वर्षों में आम आदमी के आर्थिक स्थिति में बड़ा परिवर्तन आया है। आज किसान कर्ज से मुक्त होकर चिंता से मुक्त हो गए है। छत्तीसगढ़ में गन्ना, धान, कोदो कुटकी का कीमत देश में सर्वाधिक मूल्य में खरीदी की जा रही है। किसानों का पंजीयन अब 12 लाख से बढ़कर 23 लाख 50 हजार हो गया है और इस वर्ष 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। खेती का रकबा अब बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की स्थित में आमूल-चूल परिवर्तन आया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि देश के सभी राज्यों में भ्रमण कर रहे है और किसानों से मिले है। अन्य राज्यों के किसान भी चाहते है कि छत्तीसगढ़ के किसान को समर्थन मूल्य राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लाभ मिल रहा है वैसे ही देश के सभी राज्य के किसान को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कार्य मील का पत्थर साबित हो रहा है। आज छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा पूरे देश भर में हो रही है। आज गोबर विक्रय करके मोटर साइकिल खरीद रहे है। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, प्राकृतिक पेंट तैयार किया जा रहा है। जिसका उपयोग सभी शासकीय कार्यालयों में किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार गौ माता की सेवा कर रहा है। रीपा के माध्यम से महिलाओं से रोजगार दिया जा रहा है। प्रदेश के कृषि, वनोपज आदि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए-नए अवसर उपलब्ध कराएं जा रहे है। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है, आज प्राइवेट स्कूल से विद्यार्थी निकालकर स्वामी आत्मानंद स्कूल में एडमिशन लेने प्रेरित हो रहे है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पुरखो के सपनों से आज यहां छात्रावास बनकर तैयार हुआ है। आज वनांचल क्षेत्र सुकमा, बस्तर के विधार्थी मेरिट लिस्ट में आ रहे है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन के अधिकार को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान को बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ी परम्परा को बढ़ावा दिया जा रहा है। हरेली, तीजा, दशहरा और छत्तीसगढ़ी त्योहार में सार्वजनिक अवकास घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति और खाना-पान को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीगढ़ के स्म्मान में राज गीत बनाया गया है, जिससे अब लगता है कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ियों की सरकार है और पुरखां के सपने साकार हो रहे है। इस अवसर पर द्वारिका चदं्रवंशी, रामप्रसाद चंद्रवंशी, काशीराम चंद्रवंशी, खगेश चंद्रवंशी, राजेन्द्र चंद्रवंशी, मोतीराम चंद्रवंशी, दिनेश चंद्रवंशी, शिवकुमार चंद्रवंशी, कामता चंद्रवंशी, कैलाश, रामफल, रोमन, रवि, सुमित, विरेन्द्र सहित समाज के पदाधिकारी और हजारों की संख्यों की संख्या में समाज के नागरिक उपस्थित थे।

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