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कवर्धा : प्रतिबंध के बावजूद सिंगल यूज पॉलीथिन की धड़ल्ले से बिक्री..शहर बन रहा कचरे का ढेर

कवर्धा : प्रतिबंध के बावजूद सिंगल यूज पॉलीथिन की धड़ल्ले से बिक्री..शहर बन रहा कचरे का ढेर

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कवर्धा : छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज पॉलीथिन उपयोग और बिक्री पर बैन लग चुका है लेकिन इसका धड़ल्ले से शहर में उपयोग हो रहा है। तीन साल बाद भी कवर्धा शहर में पॉलीथिन पर प्रतिबंध को प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया जा सका है। नतीजा रोजाना शहर से निकलने वाले 5 से 7 टन कचरे में बड़ी मात्रा पॉलीथिन और डिस्पोजल शामिल हैं।

नियमों की उड़ रही धज्जियां
प्रशासनिक अधिकारी भी स्वीकार रहे हैं कि प्लास्टिक उपयोग हो रहा है, बावजूद इस पर नियंत्रण को लेकर कोई पहल नहीं हो रही है। इस कारण व्यापारी और ग्राहक पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। सबसे ज्यादा कैरी बैग का उपयोग सब्जी मंडियों में होता है। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर सहित कई हिस्सों में प्लास्टिक का ढेर बढ़ता जा रहा है। नगर के मेन मार्केट लाइन से लेकर नवीन बाजार तक कुछ दुकानों में बड़ी मात्रा में पॉलीथिन उपलब्ध है।यही से छोटे दुकानदाराें को सप्लाई किया जाता है। गांव के दुकानदार भी इन बड़े दुकानदारों से ही पॉलीथिन की खरीदी करते हैं, लेकिन प्रशासन की टीम को जांचने की फु र्सत नहीं है। जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) ने राज्य की एजेंसियों को प्लॉस्टिक उपयोग को रोकने सख्त निर्देश दिए हैं। उल्लंघन पर 5 साल की जेल या एक लाख रुपए जुर्माना का नियम है। पॉलीथिन कैरीबैग पर प्रतिबंध नहीं लगने के पीछे सबसे बड़ी गलती हमारी है जब तक हम नहीं सुधरेंगे तब तक पॉलीथिन बंद नहीं होगा।

प्रतिबंधित पॉलीथिन खुलेआम बिक रहा
नगर पालिका के मुताबिक नगर में कुल 28 वार्ड हैं जहां से रोजाना लगभग 5 से 7 टन कचरा निकलता है जिसमें से कुछ ठोस कचरे को डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदियां ले जाती हैं। लेकिन अधिकतर गीला और खराब हो चुके पॉलीथिन अनुपयोगी होते हैं जिसे नगर के ट्रांसपोर्ट नगर में फेंका जाता है। इसके अलावा राजमहल के पीछे भी फेंक कर उसे जमीन में दफ्न कर दिया जाता है।

कई बार तो नगर पालिका के कर्मचारी ही पॉलीथिन को जलाते हैं, जबकि कचरे को जलाना ही नहीं है क्योंकि इससे वायु प्रदूषण होता है। दूध, दही, पनीर प्लास्टिक पैकेट्स में उपलब्ध हैं। शहर में डेयरियों में भी खुले दूध को पॉलीथिन पैकिंग में ही दिया जाता है। किराने की दुकान व सब्जी बाजार सहित शहरभर की सैकड़ों किराना की दुकानों में खुलेआम सामान पॉलीथिन कैरी बैग में ही दिया जाता है। इसके अलावा चाय की दुकान, प्लास्टिक के कप-ग्लास भी सीवरेज जाम का बड़ा कारण हैं।

प्लास्टिक के इन सामान पर प्रतिबंध
1 जुलाई 2022 से प्लास्टिक स्टिक वाली ईयरबड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडी, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए थर्मोकोल, प्लेट, कप, गिलास, काटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बों को लपेटने या पैकिंग की फि ल्म, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रॉन से कम के प्लास्टिक बैनर शामिल है।

यही से छोटे दुकानदाराें को सप्लाई किया जाता है। गांव के दुकानदार भी इन बड़े दुकानदारों से ही पॉलीथिन की खरीदी करते हैं, लेकिन प्रशासन की टीम को जांचने की फु र्सत नहीं है। जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) ने राज्य की एजेंसियों को प्लॉस्टिक उपयोग को रोकने सख्त निर्देश दिए हैं। उल्लंघन पर 5 साल की जेल या एक लाख रुपए जुर्माना का नियम है। पॉलीथिन कैरीबैग पर प्रतिबंध नहीं लगने के पीछे सबसे बड़ी गलती हमारी है जब तक हम नहीं सुधरेंगे तब तक पॉलीथिन बंद नहीं होगा।

प्रतिबंधित पॉलीथिन खुलेआम बिक रहा
नगर पालिका के मुताबिक नगर में कुल 28 वार्ड हैं जहां से रोजाना लगभग 5 से 7 टन कचरा निकलता है जिसमें से कुछ ठोस कचरे को डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदियां ले जाती हैं। लेकिन अधिकतर गीला और खराब हो चुके पॉलीथिन अनुपयोगी होते हैं जिसे नगर के ट्रांसपोर्ट नगर में फेंका जाता है। इसके अलावा राजमहल के पीछे भी फेंक कर उसे जमीन में दफ्न कर दिया जाता है।

कई बार तो नगर पालिका के कर्मचारी ही पॉलीथिन को जलाते हैं, जबकि कचरे को जलाना ही नहीं है क्योंकि इससे वायु प्रदूषण होता है। दूध, दही, पनीर प्लास्टिक पैकेट्स में उपलब्ध हैं। शहर में डेयरियों में भी खुले दूध को पॉलीथिन पैकिंग में ही दिया जाता है। किराने की दुकान व सब्जी बाजार सहित शहरभर की सैकड़ों किराना की दुकानों में खुलेआम सामान पॉलीथिन कैरी बैग में ही दिया जाता है। इसके अलावा चाय की दुकान, प्लास्टिक के कप-ग्लास भी सीवरेज जाम का बड़ा कारण हैं।

प्लास्टिक के इन सामान पर प्रतिबंध
1 जुलाई 2022 से प्लास्टिक स्टिक वाली ईयरबड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडी, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए थर्मोकोल, प्लेट, कप, गिलास, काटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बों को लपेटने या पैकिंग की फि ल्म, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रॉन से कम के प्लास्टिक बैनर शामिल है।

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