डीईओ ने तखतपुर व कोटा में 3 शिक्षकों को जारी की नोटिस,क्या वजह पढ़े पूरी खबर
AP न्यूज : स्कूल शिक्षा विभाग ने अर्धवार्षिक परीक्षा को लेकर तैयाऱी शुरू कर दी है। 11 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसके लिए डीईओ स्कूलों का दौरा भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने कोटा और तखतपुर ब्लॉक के स्कूलों का निरीक्षण किया, जहां लापरवाही बरतने पर 3 शिक्षकों को नोटिस दिया गया है साथ ही शिक्षकों की बैठक लेकर एक्स्ट्रा क्लॉस लेकर अधूरे सिलेबस को पूरा करने निर्देश दिया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव की वजह से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। इसके चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाई है। वोटिंग के बाद शिक्षक अपने स्कूल तो लौटे हैं, लेकिन अब भी नदारद दिख रहे हैं। पत्रिका लगातार बता रहा था कि स्कूलों में पढ़ाई चौपट हो गई है। शिक्षक ध्यान नहीं दे रहे हैं और सिलेबस भी अधूरा है। पत्रिका की खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने कोटा ब्लॉक के धौरा भाटा, धरमपुरा स्कूलों का दौरा किया। इसी तरह तखतपुर में चोरभट्टी, हायर सेंकडरी नेवरा समेत अन्य स्कूलों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान एक शिक्षिका जो कि कक्षा के दौरान क्लास नहीं ले रही थी, उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
जबकि समय पर नहीं आने और दो दिन से बिना कारण बताए गायब रहने की वजह से दो अन्य शिक्षकों को भी नोटिस जारी किया गया है। इस बीच शिक्षकों की मीटिंग ली गई। चेतावनी दी गई कि अगर कोई शिक्षक लापरवाही करता है या बिना बताए स्कूल नहीं आ रहा है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन स्कूलों की स्थिति काफी खराब है, वहां बेहतर शिक्षा के लिए बीईओ को मॉनिटरिंग करने के लिए कहा गया है।
अधूरे सिलेबस को लेकर भडक़े डीईओ
डीईओ टीआर साहू निरीक्षण के दौरान जब स्कूलों में पहुंचे तो उन्होंने सिलेबस के बारे में जानकारी ली। अर्धवार्षिक परीक्षा को देखते हुए जहां सिलेबस पूरा नहीं किया गया है, इसको लेकर डीईओ भडक़ गए। उन्होंने कहा कि एक्स्ट्रा क्लास लेकर सिलेबस जल्द पूरा करने के साथ रिवीजन कराएं। ताकि परीक्षा में विद्यार्थियों के बेहतर परिणाम आ सके।
35 साल तक कोई अधिकारी नहीं गया यहां झांकने
कोटा और तखतपुर के अंदरूनी इलाकों के स्कूलों की स्थिति काफी खराब है। डीईओ टीआर साहू ने इऩ स्कूलों की व्यवस्थाएं देखीं और जानकारी ली। तब पता चला कि 35 साल से कोई भी अधिकारी यहां नहीं पहुंचा है। इसलिए इऩ स्कूलों की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं आया है। सिर्फ काम चलाऊ जैसे कार्य किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों को भी नाम मात्र की पढ़ाई कराई जा रही है।