2000 रु की नोटबंद करना नोटबंदी की असफलता का प्रमाण– गौतम शर्मा
मोदी सरकार भ्रष्टाचार रोकने में असफल फिर 2000रु का नोट बंद कर कर रही है आम जनता को परेशान
नोटबंदी की असफलता के बाद एक बार फिर 2000 रु के नोट को बंद करने का निर्णय आम जनता के लिए परेशानी का सबक बनेगा। गौतम शर्मा ने कहा कि आरबीआई के द्वारा 2000रु के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय घातक और आत्मघाती कदम है। पहले ही देश नोटबंदी के जख्मों से अभी तक उभरा नहीं है जिस दौरान नोटबंदी किया गया और 2000 के नोटों को चलन में लाया गया तभी कहा गया था 2000 के नोट से भ्रष्टाचार बढ़ेंगे और नोटबंदी का दुष्परिणाम आज देश भुगत रहा है आज आरबीआई ने एक बार और 2000 रु के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय करके देश की जनता को बैंकों के लाइन में लगाने की तैयारी कर ली है
जिला प्रवक्ता गौतम शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार असल मायने में भ्रष्टाचार को रोकने से ज्यादा भ्रष्टाचार को शह देने में काम कर रही है 2000 रु का नोट पहले बाजार से गायब हुआ और पूंजीपतियों के तिजोरी में जमा हो गई और मोदी सरकार में बढ़े भ्रष्टाचार में 2000रु के नोट का महत्वपूर्ण योगदान है आज 2000रु के नोट को बंद करने का निर्णय मोदी के मित्रों को लाभान्वित करने की योजना है मोदी के मित्र अब जमा किए हुए 2000 रु के नोटों को आम जनता के माध्यम से बैंकों में जमा करवाएंगे और एक बार और अपने काला धन को सफेद करेंगे और नोटबंदी के समय जो स्थितियां थी आज फिर वही स्थितियां उत्पन्न होगी दिहाड़ी मजदूर छोटे व्यापारी खोमचा वाले 2000 रु के नोट से परेशान होंगे और उस को बदलने के लिए बैंकों के लाइन में खड़े रहेंगे इस भीषण गर्मी में इस प्रकार का निर्णय गरीब जनता के ऊपर अत्याचार है आरबीआई को बताना चाहिए कि आखिर उन्होंने 2000 रु के नोट को बंद करने का निर्णय क्यों लिया है ?और 2000 के नोट के स्थान पर अब क्या 2000 ₹1000रु और 500रु से छोटी नोट जारी करेगी?या 2000 रु की नोट के स्थान पर 10000 रु की नोट जारी करेगी यह स्पष्ट करना चाहिए।