गोपीकृष्ण सोनी के शिक्षक पद पर फर्जी नियुक्ति की जांच कर पद से बर्खास्त करने की मांग

कवर्धा। पंडरिया विकासखण्ड के परसाटोला में पदस्थ शिक्षक गोपीकृष्ण सोनी की शिक्षक पद पर भर्ती एवं उसके नियमविरुद्ध तरीके से हुए प्रमोशन की जांच कर उसे पद से बर्खास्त किये जाने की मांग नेउर उपसरपंच के साथ अनेको पंच एवं ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से किया है।


ग्राम पंचायत नेउर के जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि गोपीकृष्ण सोनी 30 जुलाई 1997 में शिक्षा गारंटी योजना के तहत प्राथमिक शाला परसाटोला में गुरुजी बना तथा 2003 में संविदा शिक्षक एवं 2005 में शिक्षाकर्मी बना व 2018 में सहायक शिक्षक एवं 2022 में प्रधान पाठक शासकीय प्राथमिक शाला परसाटोला बना इस दरमियान लगभग 25 वर्ष से उक्त व्यक्ति एक ही शाला में अनेको पदोन्नति प्राप्त कर पदस्थ है।
आगे पत्र में लिखा है कि गोपीकृष्ण सोनी पिता महादेव सोनी सन 1998 में हायर सेकंडरी स्कूल परीक्षा नियमित छात्र के रूप में उत्तीर्ण किया है तथा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के अंतर्गत एस एन जी महाविद्यालय मुंगेली में सन 2004 में स्नातकोत्तर की परीक्षा राजनीति विज्ञान विषय मे नियमित विद्यार्थी के रूप में उत्तीर्ण किया है। उक्त सम्बन्ध की पुष्टि के लिए शिकायतकर्ताओ ने विद्यालय के दाखिल खारिज एवं अंक सूचियों की छायाप्रति संलग्न किया है। शिंकायतकर्ताओ ने आगे लिखा है कि शिक्षा गारंटी योजना के तहत गोपीकृष्ण की प्रथम नियुक्ति फर्जी है क्योंकि उक्त अवधि में वह नियमित विद्यार्थी के रूप में नवागढ़ के शासकीय विद्यालय में विद्याध्ययन कर रहा था।
स्वप्रमाणित है कि पदांकित शाला परसाटोला में शिक्षकीय कार्य करने वाला व्यक्ति कार्यरत शाला से लगभग 75 किलोमीटर दूर शासकीय विद्यालय में नियमित विद्यार्थी के तौर पर कैसे सम्मलित हो सकता है ? शिकायतकर्ताओ ने अपने पत्र में लिखा है कि एक ही समय मे शिक्षकीय कार्य और नियमित विद्याध्ययन दोनों आपराधिक कार्य है जिसके लिए दोषी शिक्षक पर आई पी सी की धारा 420 के तहत कार्यवाही करने के साथ वेतन के रूप में प्राप्त किये शासकीय राशि की वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे ताकि इस तरह का फर्जीवाड़ा कोई अन्य व्यक्ति न कर सके।