ChhattisgarhKabirdham

छत्तीसगढ़ में गौमाता को “राज्यमाता” घोषित करने की मांग,

छत्तीसगढ़ में गौमाता को “राज्यमाता” घोषित करने की मांग

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कवर्धा: छत्तीसगढ़ राज्य के कई गौसेवक और गो-प्रेमी संगठनों ने छत्तीसगढ़ में गौमाता को संविधानिक रुप से “राज्य माता घोषित करने और एक अलग गौ मंत्रालय की स्थापना करने की मांग की गई है. इसे लेकर मुख्यमंत्री से आग्रह भी किया गया है. सरकार को 1 सितंबर तक मांग नहीं माने जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी भी दी है.

तस्करी की घटना बढ़ने का जिक्र: आंदोलनकारियों ने कहा है कि देशभर में सनातनी धर्म मानने वालों की बहुलता और विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में गौवंश और गौ उत्पादों का सामाजिक-आर्थिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है. साथ ही आरोप लगाया कि, राज्य में गौवंश की हत्या और तस्करी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. सम्मान और संरक्षण को अनदेखा किया जा रहा है.

लेटर में क्या लिखा है?: पत्र में बताया गया है कि पश्चिमी संस्कृति की अंधानुकरण और रासायनिक कृषि के फैलने से पारंपरिक जीवनशैली, स्वास्थ्य और रोजगार प्रभावित हुए हैं. इसलिए गौमाता को राज्य का आधिकारिक सम्मान देने से सामाजिक और आर्थिक तंत्र में सुधार होगा. साथ ही प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा और ग्रामीण रोजगार सृजन संभव होगा.

क्या है मांग

गौमाता को सम्मानित संबोधन दिया जाए; “पशु/मवेशी” जैसे शब्दों का प्रयोग दंडनीय किया जाना चाहिए.

गौ-हत्यारों और गौ तस्करों के विरुद्ध कड़ी सज की मांग

गायों और गोधरण की पारदर्शी खरीद-नीति लागू कर सड़क पर भटके गौवंश की पुनर्स्थापना.

प्राकृतिक (रासायनिक रहित) कृषि को प्राथमिकता और उसके उत्पादों का बेहतर मूल्य सुनिश्चित करना.

प्रत्येक 10 गांवों के समूह के लिये बड़े गौ-अभ्यारण्य/गोधाम का निर्माण, जहां गायों से बनने वाले उत्पादों का उत्पादन और विपणन कर ग्रामीण स्तर पर रोज़गार सृजित हो.

उत्पादों के लिये एक विशेष ब्रांड बनाया जाए ताकि छत्तीसगढ़ को वैश्विक पहचान मिल सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले.

जिला स्तर पर मोनिटरिंग कमेटी: निष्काम गौसेवक, गौप्रेमी व गौविचारकों की निगरानी रिंग जो मासिक निरीक्षण व रिपोर्टिंग करेगी.
सड़कों पर भटकते गौवंश और गोहत्या का रोका जाना; अभ्यारण्य बनाकर वाहन दुर्घटनाओं व गौहत्या पर अंकुश.

गौ-सम्बंधित यौन शोषण के मामलों पर मानवों के समान कानूनी दायरा लागू करने की मांग.

हर 50 मील की दूरी पर 24/7 सुविधासम्पन्न गौ चिकित्सालय और पशु चिकित्सालयों का निर्माण.

प्रतिनिधियों का आरोप है कि 1 अगस्त से 31 अगस्त के बीच मुख्यमंत्री को 5 लाख से अधिक पत्र कई माध्यमों से भेजे जा चुके हैं लेकिन सरकार की निष्क्रियता से गौसेवक गहरे आहत हैं और उन्होंने त्वरित कार्रवाई की अपील की है. कलेक्टर ने आंदोलनकारियों से सभागार में बैठकर चर्चा की और सरकार तक बात को पहुंचाने का आश्वासन दिया है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page