छत्तीसगढ़ में ट्रेनिग सेंटर बनाना चाहते है दुर्दांत आतंकी


भारतीय गुप्तचर का खुलासा, छत्तीसगढ़ में घुसपैठ करने के फिराक में तालिबानी
छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ को अति हिंसक आतंकी गुट अपने नए ठिकाने के रूप मे देख रहे है। राज्य में चल रहे नक्सल गतिविधियों को आधार बनाकर कुछ खतरनाक आतंकवादी संगठन छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं को ट्रेनिंग देना चाहते है ताकि लाल आतंक में हरियर रंग मिलाकर डर व दहशत का नया हिंसक अध्याय जोड़ सके।
भारत के गुप्तचर विभाग ने कुछ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया, तब उनसे पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। इंटेलीजेंसी सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के अलावा देश के राज्य मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र में अपने आतंकी कैम्प बनाकर दहशतगर्दी का नेटवर्क स्थापित करने का मंसूबा पाले हुए हैं।
इस खबर में सबसे चिंताजनक बात यह है कि गिरफ्तार किए गए आतंकियों का सम्बंध अफगानिस्तान के ऐसे गुटों से है जो अति हिंसक और भयंकर खतरनाक प्रवृत्ति के हैं।
यह खबर बिल्कुल सत्य है। इसकी पुष्टि देश के शीर्ष गुप्तचर ब्यूरो द्वारा किया गया है।
उल्लेख करना लाजिमी है, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई बार खतरनाक, घातक व उन्नत स्तर के हथियार पकड़े गए हैं। ये हथियार चीन में निर्मित है। पहले भी सवाल उठता रहा है कि चीन व पाकिस्तान में बने हथियार भारत के दूरदराज इलाको तक आखिर कैसे पहुंचते है? इन विनाशकारी हथियारो को छत्तीसगढ़ के बस्तर तक पहुचाने में जाहिर है कई अपने ही लोग शामिल हैं। हमारे अपने ही कुछ लोग लालच के चलते देश को हिंसा की आग में ढकेल रहे है।
नक्सली आतंक से जूझ रहे छत्तीसगढ़ के लिए भारतीय गुप्तचर विभाग की यह सूचना सांसत में डालने वाली है। इसके लिए पूंजी जुटाने वाले लोगो को बेनकाब करना जरूरी है। यह मान लेना आसान है कि विदेशी हथियार भेजने के पीछे विदेशी तत्वों का हाथ है। आज हर विभाग में घुसपैठ का सिलसिला चल पड़ा है। पर दूसरी ओर नक्सली वारदातों में जान गंवाते हमारे जवान है, जिनके साथ न्याय होना चाहिए। राज्य की ढाई करोड़ आबादी का इसमें क्या दोष है? क्या अपने राज्य को विदेशी हथियारों की हिंसा पर झुलसता देखने आमजन तैयार है?
यह सच है, हमारी सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था ने बेरोजगारों की संख्या में अतिशय वृद्धि कर दी है। सम्भव है इसीलिए बाहरी ताकत इन बेरोजगारों को इस काम के लिए निशाना बनाने की जद्दोजहद में लगे है।